नवजात शिशु की पाचन शक्ति ज्यादा स्ट्रांग नहीं होती है ऐसे में मां को अपने शिशु के लिए बहुत ध्यान से खान पान चुनना पड़ता है। नवजात के लिए तो मां का दूध सबसे सेहतमंद और लाभकारी होता है लेकिन कईं बार कईं कारणों के चलते बच्चा मां का दूध नहीं पी पाता है ऐसे में मां बच्चे को पाउडर मिल्क देना शुरू देती है लेकिन इस पाउडर मिल्क से आपके बच्चों की सेहत पर कईं तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं क्योंकि अगर हम डॉक्टर्स की मानें तो वह नवजात को तकरीबन 6 महीने तक मां का दूध पीने की सलाह देते हैं लेकिन अगर आप अपने बच्चे को पाउडर मिल्क देती हैं तो उससे शिशु को होने वाले नुक्सान के बारे में भी जान लीजिए।
1. पाउडर मिल्क को पचाना मुश्किल
बच्चे की सेहत के लिए मां का दूध लाभकारी रहता है , मां का दूध बच्चा जल्दी पचा भी लेता है लेकिन पाउडर मिल्क कईं बार बच्चा पचा नहीं पाता है और इसके कारण शिशु को पेट संबंधी समस्याएं हो जाती है।
2. नहीं मिल पाते भरपूर एंटीबॉडी
मां के दूध में भरपूर एंटीबॉडी होते हैं लेकिन जब आप अपने शिशु को पाउडर मिल्क पिलाती हैं तो उससे बच्चे को भरपूर मात्रा में एंटीबॉडी नहीं मिल पाते हैं और आपको बता दें कि मां का दूध शिशु को कईं बिमारियों से बचाता है लेकिन पाउडर मिल्क में वह पोषण नहीं होते है।
3. नहीं मिल पाता शुद्ध दूध
मां का दूध शुद्ध भी होता है लेकिन बाजार से लाए हुए पाउडर मिल्क में पानी भी डलता है और इसे बनाने में भी समय लगता है और बच्चे को पाउडर मिल्क से शुद्ध दूध नहीं मिल पाता है।
4. मां के दूध में ग्रोथ हार्मोन होते हैं
मां के दूध में जो ग्रोथ हार्मोन पाए जाते हैं वह बाहर के पाउडर मिल्क में नहीं पाए जाते हैं ऐसे में बच्चे की ग्रोथ पर भी असर पड़ सकता है।
5. बना रहता है बीमार होने का खतरा
मां के दूध से बच्चे में बीमारी का खतरा कम रहता है लेकिन मार्केट का दूध पुराना भी हो सकता है ऐसे में बच्चे का बीमार होने का खतरा बना रहता है।
तो अगर आप भी अपने बच्चे को पाउइडर मिल्क देती हैं तो आपके बच्चों को भी यह नुक्सान हो सकते हैं इसलिए अपने शिशु को पाउडर मिल्क पीने की आदत न डालें।