वैसे तो बहुत सी महिलाएं खून की कमी की शिकार होती हैं लेकिन कई परिस्थितियों में बच्चों को भी खून की कमी हो जाती है। बच्चों में खून की कमी होना आजकल एक आम समस्या हो गई है। इसे एनीमिया भी कहा जाता है। ऐसे बच्चों में लाल रक्त कोशिकाएं और हीमोग्लोबीन की बहुत ही कम मात्रा होती है। हीमोग्लोबीन लाल रक्त कोशिकाओं को आपके शरीर की अन्य कोशिकाओं में ऑक्सीजन ले जाने का काम करता है। यदि आपका बच्चा थोड़ी देर खेलने के बाद शरीर में थका हुआ महसूस करता है तो उसे खून की कमी यानि की एनीमिया हो सकता है। इसके अलावा भी इसके बहुत से लक्षण होते हैं तो चलिए जानते हैं उनके बारे में...
क्या होते हैं इसके लक्षण
. हार्ट रेट का बढ़ना
. सांस का फूल जाना या सांस लेने में दिक्कत होना
. शरीर में एनर्जी महसूस होना
. बच्चे का बार-बार थक जाना
. सिर में दर्द होना
. जीभ का सूज जाना
. बच्चे की त्वचा और आंखों में पीलापन रहना
. विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होना
. बीमारियों का शरीर में बढ़ना
कैसे बच्चों को होती है खून की कमी
. समय से पहले ही जन्मे हुए बच्चे
. जन्म को समय बच्चे का वजन कम होना
. बच्चे के लिए लॉ, ऑयरन और विटामिन्स का सेवन करना
. परिवार में किसी को पहले से एनीमिया होना
. बच्चे के शरीर में लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां
खून की कमी के कारण
.आयरन की कमी के कारण भी बच्चे को एनीमिया हो जाता है।
. पोष्टिक आहार का सेवन न करने के कारण भी एनिमिया हो सकता है।
. यदि लाल रक्त कोशिकाओं को नुकसान होता है तो भी एनिमिया हो सकता है।
. पूरी तरह से लाल रक्त कोशिकाओं का न बन पाना
. लाल रक्त कोशिकाएं यदि आपके शरीर में कम हो जाएं तो भी खून की कमी हो सकती है।
कैसे करें दूर एनीमिया
बच्चे में खून की कमी उम्र और स्वास्थ्य पर ज्यादा निर्भर करता है। इसका इलाज इस चीज पर निर्भर करता है कि बच्चे की स्थिति कितनी गंभीर है। आप बच्चे की डाइट में विटामिन्स, मिनरल्स युक्त आहार और स्पलीमेंट्स को डाइट में शामिल करके खून की कमी को पूरा कर सकते हैं। एनिमिया के लक्षण दिखने पर आप बच्चे को डॉक्टर के पास जरुर लेकर जाएं।