कोरोना वायरस की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई कि वैज्ञानिकों को तीसरी लहर की चिंता सताने लगी। इसी बीच कोरोना का नया डेल्टा वेरिएंट मुसीबत बन रहा है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों को अलर्ट कर दिया है। यही नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय व WHO ने डेल्टा+ को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' भी घोषित कर दिया है।
क्या है डेल्टा प्लस वेरिएंट?
यह नया वेरिएंट पिछले डेल्टा प्लस वैरिएंट से काफी मेल खाता है, जिसे AY.1 या डेल्टा प्लस वेरिएंट नाम दिया गया है। स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने की वजह से डेल्टा+ वेरिएंट बना है। हर वेरिएंट अलग क्लीनिकल रिस्पॉन्स के साथ आता है। पिछले वेरिएंट में ऑक्सिजन लेवल कम हो रहा था लेकिन वैज्ञानिक नए वेरिएंट का रिस्पॉन्स पता नहीं लगा पा रहे।
महाराष्ट्र-केरल में जारी अलर्ट
बता दें कि भारत में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 22 मामले मिले है, जिसमें से महाराष्ट्र के 16 और बाकी 6 केरल व महाराष्ट्र के हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में भी नए वेरिएंट के कुछ मामले सामने आए हैं। यह नया वायरस अब तक 80 देशों में फैल चुका है, जिसमें अमेरिका, पुर्तगाल, ब्रिटेन, जापान, स्विटजरलैंड, नेपाल, पोलैंड, चीन और रूस का नाम शामिल है।
वेरिएंट ऑफ कंसर्न का मतलब क्या है?
किसी भी म्यूटेशन को वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट से कंसर्न की श्रेणी में तब रखा जाता है जब उसमें कुछ बातों की पुष्टि हो जैसे...
1. जब वो अधिक संक्रमण फैलाने वाला हो एक-दूसरे में आसानी से चला जाए।
2. अगर म्यूटेशन वायरस की एंटीबॉडी की क्षमता को कम कर दे।
3. जब म्यूटेशन इलाज और वैक्सीन का असर भी कर दे।
4. जांच के बाद भी आसानी से पहचान में ना आएं।
क्या बन सकता है कोरोना की तीसरी लहर की वजह?
डेल्टा+ अभी तक सामने आए म्यूटेशन में से सबसे तेजी से फैल रहा है। अल्फा वेरिएंट भी संक्रामक है लेकिन डेल्टा+ इससे 60% अधिक खतरनाक है। डेल्टा के दोनों म्यूटेशन- 452R और 478K इम्युनिटी व वैक्सीन को चकमा देने में कामयाब रहा। हालांकि यह भी बहुत अधिक नहीं फैला लेकिन डेल्टा वेरिएंट सुपर-स्प्रेडर बन गया है। कोरोना की दूसरी लहर का कारण डेल्टा वैरिएंट ही था इसलिए वैज्ञानिकों को डर है कि इससे तीसरी लहर फैल सकती है।