खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण यूरिक एसिड जैसे खतरनाक रोग का खतरा भी बढ़ रहा है। शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने के कारण हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं जिसके कारण किडनियां और लिवर भी प्रभावित होते हैं। ऐसे में यूरिक एसिड के मरीज रुटीन में कुछ बदलाव करके रोग को नियंत्रित कर सकते हैं। पान का पत्ता इन मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इसके बायोएक्टिव कंपाउंड में हाइड्रोक्सीचैविकोल नाम का कैमिकल पाया जाता है। यह एक पॉलीफेनाल है जो आपके शरीर में यूरिया की मात्रा कम करने में मदद करेगा। तो चलिए जानते हैं कि यूरिक एसिड के रोगी कैसे इसका सेवन कर सकते हैं।
शरीर में नहीं जमने देता प्यूरिन
पान के पत्ते में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं जो गैस्ट्रिक अल्सर में इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होते हैं जो एंजाइम की गतिविधि को बढ़ाते हैं। यह प्यूरिन को पचाने में मदद करते हैं और शरीर में इसे जमा नहीं होने देते।
शरीर से बाहर निकालता है यूरिया
पान में डिटॉक्सिफाइंग गुण भी पाए जाते हैं जो शरीर को साफ करके यूरिया बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके अलावा पान में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो यूरिक एसिड में होने वाली सूजन और दर्द दूर करने में मदद करते हैं।
किस तरह करें सेवन?
आप पान के पत्ते का सेवन दो तरह से कर सकते हैं। इसका शरबत बनाकर पी सकते हैं। इसके अलावा खाली पेट आप पान के पत्ते चबा सकते हैं। इससे आपकी यूरिक एसिड की समस्या काफी हद तक कम होगी।
पान के पत्ते में मौजूद गुण
इसके अलावा पान के पत्ते में वसा कम मात्रा में और प्रोटीन काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा पान इसमें आयोडीन, पौटेशियम, विटामिन-ए, विटामिन- बी जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।