23 DECMONDAY2024 8:19:50 AM
Nari

Molanupiravir कोई जादुई दवा नहीं है...एंटीवायरल गोली खाने से पहले जान लें क्या कहते हैं डाॅक्टर

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 11 Jan, 2022 04:00 PM
Molanupiravir कोई जादुई दवा नहीं है...एंटीवायरल गोली खाने से पहले जान लें क्या कहते हैं डाॅक्टर

कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के खतरे से खुद को बचाने की लोग हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में कोविड-19 के इलाज के लिए हाल ही में मंजूर की गई एंटीवायरल दवा मोलनुपिरावीर पर कुछ ज्यादा भरोसा किया जा रहा है। हालांकि इस दवा को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट की राय अलग- अलग है। इसी बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के एक डॉक्टर ने साफ किया है  एंटी-वायरल 'मोलनुपिराविर' कोई 'जादुई दवा' नहीं है।


हल्के लक्षणों का घर पर हो सकता है ईलाज

एम्स के मेडिसिन विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल का कहना है कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कारण बढ़ते मामलों के दौरान अब तक कोविड मरीजों में हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं जिनका घर पर ही उपचार संभव है। उनका कहना है कि अब तक कोविड-19 के उपचार के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है। मरीज की गहन निगरानी सबसे जरूरी है, खासकर अधिक जोखिम वाले ऐसे बुजुर्ग जोकि पहले से बीमारियों की चपेट में हैं या ऐसे लोग जिन्होंने अब तक टीकाकरण नहीं कराया है।


पेरासिटामोल से भी ठीक हो रहे लोग

निश्चल ने कहा-  महामारी का ये मतलब नहीं है कि जब तक आपका डॉक्टर आपको कई तरह की दवाएं या नयी तरह की गोलियां नहीं देता, तब तक आप ठीक नहीं हो सकते। आखिरकार, धैर्य, सकारात्मक विचार और पेरासिटामोल से भी अधिकतर मरीज ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ' महामारी की तीसरी लहर के दौरान अधिकतर संक्रमित लोगों में अब तक हल्का संक्रमण देखने को मिला है जिसका बिना किसी विशेष उपचार के घर पर ही इलाज संभव है। 


लोगों को सिर्फ सतर्कता बरतने की जरुरत: निश्चल 

केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा है कि इस समय सामने आ रहे 5-10 प्रतिशत संक्रमित लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने चेताया कि ये हालात तेजी से बदल भी सकते हैं, ऐसे में पूरी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। हाल में मंजूर की गई मोलनुपिराविर के बारे में डॉ निश्चल ने कहा कि इसे जादुई दवा के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं है।  लोगों को यह याद रखना चाहिए कि इस दवा को केवल सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है।


मोलनुपिराविर दवा के आपात उपयोग को मिली मंजूरी 

भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने हाल ही में कोविड के इलाज में कारगर मोलनुपिराविर दवा के आपात उपयोग के लिए कई दवा कंपनियों को विनिर्माण की मंजूरी दी है। इन कंपनियों में डॉ रेड्डीज लेबोरेट्रीज, टॉरेंट फार्मास्युटिकल्स, सिप्ला, सन फार्मा, नैटको फार्मा, वायट्रिस, हेटरो ड्रग्स और मैनकाइंड फार्मा शामिल हैं।कोविड-19 से संक्रमित वयस्कों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली पहली ओरल एंटीवायरल दवा मोलनुपिराविर का विकास मर्क और रिजबैक बायोथेरेपेटिक्स ने किया हुआ है।


कितनी कारगर है मोलनुपिराविर

इंदौर के भंडारी हॉस्पिटल के डॉक्टर रवि डोसी के मुताबिक जिन मरीजों में शुरुआती लक्षण थे, उन्हें मोलनुपिराविर देने से हालत में सुधार देखा गया। डॉक्टरों का मानना है कि शुरुआत में यदि इसे दिया जाए, तो संक्रमण को अधिक फैलने से रोका जा सकता है। इस स्थिति में यह दवा 70% से 80% तक प्रभावी है। भारत में यह कैप्सूल केवल उन मरीजों को दिया जाएगा, जिनका ऑक्सीजन लेवल 93% से ज्यादा है और जिनमें कोरोना के गंभीर लक्षण हैं।

Related News