गोवर्धन पूजा की धूम वैसे तो हर जगह देखने को मिलती है पर ब्रज के मंदिरों का तो नजारा कमाल का होता है। बृज के सबसे बड़े लोक उत्सव गोवर्धन पूजा आज की जाएगी। इस दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों को पूजा जाता है। गोवर्धन पूजा के बाद से ही बांके बिहारी मंदिर का समय भी बदल जाएगा। अब ठाकुर जी सुबह देर से जागेंगे और शाम को जल्दी सो जाएंगे।
अब राजभोग सेवा के लिए मंदिर के कपाट अपराह्न 1.00 बजे बंद हो जाएंगे। सुबह की पाली में, मंदिर सुबह 08.45 बजे खुलेगा और अपराह्न 1.00 बजे तक भगवान की भोग सेवा (दोपहर के भोजन) के लिए एक संक्षिप्त विराम के साथ खुला रहेगा। दोपहर के सत्र में, मंदिर भगवान के भोग के लिए एक संक्षिप्त अंतराल के बाद शाम 4.30 से 8.30 बजे तक खुलेगा।
दरअसल हर वर्ष दिवाली के बाद भाई दूज से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन के समय में बदलाव किया जाता है। इसी परंपरा का पालन करते हुए मंदिर के दर्शन के समय में परिवर्तन किया जा रहा है, जिसके अनुसार 27 अक्टूबर भाई दूज से ठाकुर बांकेबिहारी के पट सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर खुलेंगे। आठ बजकर 55 मिनट पर श्रृंगार आरती के दर्शन होंगे। दोपहर 12 बजे ठाकुरजी का राजभोग आएगा, साढ़े 12 बजे फिर से ठाकुरजी के पट खुलेंगे और इसके बाद दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर भक्तों को राजभोग आरती के दर्शन होंगे।
इसके बाद शाम को साढ़े चार बजे से पुन: ठाकुर जी के दर्शन होंगे। शाम साढ़े सात बजे शयन भोग आएगा। इसके बाद रात आठ बजे से ठाकुरजी का भक्तों को दर्शन मिलेगा। रात आठ बजकर 25 मिनट पर शयन भोग आरती के दर्शन होंगे। पहले ठाकुरजी को भोग में दूध-दूही और ठन्डे पदार्थ दिए जाते थे, अब तरावटी पदार्थ, जैसे गर्म दूध और पंचमेवा की मात्रा में इजाफा किया जाएगा, ऐसा ठाकुरजी को शरद ऋतू के प्रभाव से बचाया जा सकेगा।
आज गोवर्धन मंदिरों में होने वाली गोवर्धन पूजा के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारियाें ने बताया कि कई लाख तीर्थयात्रियों के गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने की संभावना है। दान घाटी मंदिर में 'दर्शन' के लिए एकतरफा व्यवस्था का सख्ती से पालन किया जाएगा।" अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख मंदिरों और परिक्रमा मार्ग पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है।