रातरानी का पौधा ना सिर्फ खूबसूरत और खूशबूदार होता है बल्कि यह कई औषधीय गुणों से भरपूर भी है। आयुर्वेद में सदियों से इसका इस्तेमाल डायबिटीज से लेकर कई बीमारियों में हो आ रहा है। एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर इस पौधे को चांदनी फूल, पारिजात और हरिसिंगार के नाम से भी जाना जाता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
रातरानी के 20-25 पत्ते व फूल को अच्छी तरह धोकर 1 गिलास पानी में तब तक उबाल जब तक वो आधा ना रह जाए। फिर इसे 3 हिस्सों में बांटें और सुबह, दोपहर व शाम को पीएं।
चलिए अब आपको बताते हैं रातरानी पौधे के सेहत से जुड़े कई जबरदस्त फायदे...
डायबिटीज में फायदेमंद
इसके फूल का रस रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मददगार है। वहीं, टाइप-2 मधुमेह मेलिटस को ठीक करने में भी यह बहुत कारगार है।
इम्यूनिटी बूस्टर
रातरानी के फूल व पत्ते में इथेनॉल नामक तत्व होता है, जो इम्यूनिटी बूस्ट करता है। इससे आप बैक्टीरियल व वायरल इंफेक्शन के अलावा सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से भी बचे रहते हैं।
बुखार करे ठीक
एंटी-बैक्टीरियल गुण होने के कारण इसका सेवन बुखार को ठीक करता है। इसके अलावा इससे डेंगू, मलेरिया, निमोनिया और चिकनगुनिया से भी जल्द आराम मिलता है।
शरीर का तापमान करे कंट्रोल
पारिजात तेल की 2 बूंदों में 1 मि.ली. जैतून तेल मिलाकर पैरों के तलवे में मसाज करें। इससे शरीर का तापमान सही रहेगा और आप ठंड से बचे रहेंगे।
सूखी खांसी से राहत
इसके फूलों का काढ़ा पीने से सूखी खांसी, गले की जलन व सूजन भी दूर हो जाती है। साथ ही इससे अस्थमा में भी फायदा मिलता है।
गाठिया दर्द से राहत
सर्दियों में जोड़ दर्द की समस्या रहती है तो इसके तेल से मालिश करें। इससे दर्द व सूजन से आराम मिलेगा।
साइटिका का इलाज
साइटिका के कारण कमर से लेकर पैरों की एक नस में असहनीय दर्द होता है। अगर आपको भी यह समस्या है तो रातरानी के फूल और पत्तों के तेल से मालिश करें। इससे दर्द में जल्दी आराम मिलेगा और सूजन भी कम होगी।