बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर आज दुनिया को अलविदा कह गए। पिछले 2 सालों से वह ल्यूकेमिया (एक तरह का ब्लड कैंसर) से पीड़ित थे। इसके इलाज के लिए वह लगभग 1 साल न्यूयॉर्क में भी रहे और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद भारत लौटें। आइए जानते हैं कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट क्या होता है और किन लोगों इसकी जरूरत पड़ती है...
क्या होता है बोन मैरो?
बोन मैरो शरीर का एक ऐसा हिस्सा जो हड्डियों के अंदर होता है। इसमें शरीर की अधिकतर कोशिकाएं बनती हैं, खासकर इम्यून सेल्स (सफेद रक्त कोशिकाएं)। बोन मैरो मुलायम ऊतकों (टिश्यूज) के रूप में होता है, जो कई रूपों में प्लेटलेट्स व ब्लड में शामिल होता है।
क्या होता है बोन मैरो ट्रांसप्लांट?
शरीर में मल्टीपल माइलोमा फैलने लगता है और जब कैंसर कोशिकाएं दूसरे सेल्स को खत्म करने लगती हैं तब रोग प्रतिरोधक क्षमता लगभग खत्म होने लगती है। ऐसी में कैंसर की बढ़ती कोशिकाओं को खत्म करने के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया जाता है। इस प्रक्रिया में पेशंट के शरीर में स्टेम सेल्स का प्रत्यारोपण किया जाता है। यह स्टेम सेल्स नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती हैं और शरीर के डिफेंस मैकेनिजम को मजबूत करती हैं।
क्यों पड़ती है बोनमैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत?
. अगर हड्डियों के अंदर पाया जानेवाला बोन मैरो स्वस्थ ना हो।
. कैंसर के इलाज के लिए की जानेवाली कीमोथेरपी के कारण भी बोन मैरो को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है।
. इसके अलावा अप्लास्टिक अनीमिया, ल्यूकीमिया, लिंफोमा, मल्टिपल माइलोमा, कीमोथेरपी का दुष्प्रभाव, रेडिएश थेरपी का नकारात्मक असर, थैलेसीमिया, सीकल सेल अनीमिया, कंजेनिटल न्यूट्रोपेनिया में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है।
बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
1. पर्सनल हाइजीन के साथ घर की साफ-सफाई ध्यान रखें।
2. डॉक्टर द्वारा बताई गई एक्सरसाइज करें।
3. शराब या धूम्रपान जैसे नशीली पदार्थों से परहेज करें।
4. डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा समय पर लें।
बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद होती हैं ये परेशानियां
बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन इससे घबराएं नहीं। अगर ज्यादा परेशानी हो तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।
. कमजोरी महसूस होना
. हड्डियों में दर्द होना
. प्लेटलेट्स कम होना
. थायराइड होने की संभावना का बढ़ना
. इसके अलावा बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद मानव शरीर का वह अंग खराब भी हो सकता है, जिस पर इसे किया गया है।
ठीक होने में कितना समय लगता है?
आमतौर पर, बोन मैरो ट्रांसप्लांट से ठीक होने में 1 से 6 हफ्ते लगते हैं लेकिन अगर इम्यूनिटी कमजोर है तो रिकवरी में 1 साल का समय भी लग सकता है।