गलत खान-पान और बदलते लाइफस्टाइल के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इन्हीं में से एक है यूरिक एसिड की समस्या। यूरिक एसिड की मरीजों को अपने खान-पान का खास ध्यान रखना पड़ता है। खासकर दालों से मरीजों को परहेज रखने के लिए कहा जाता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए आपको हैल्दी डाइट का सेवन करना चाहिए। डाइट में ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हों। तो चलिए आपको बताते हैं कि यूरिक एसिड की मरीज किन दालों का सेवन कर सकते हैं...
दालों में पाए जाने वाले पोषक तत्व
दाल में प्रोटीन, घुलनशील और अघुलनशील फाइबर, विटामिन-बी कॉम्पलेक्स, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, पैंटाथेनिक एसिड, फोलेट, पाइरिडोक्सिन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, जिंक, सेलेनियम, आयरन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पॉलीफेनोल्स, प्रोसायनिडिन, फ्लेवनॉल्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
फाइबर करता है यूरिक एसिड कंट्रोल
दालों में प्रोटीन की मात्रा काफी अच्छी पाई जाती है। प्यूरीन सामग्री के लिए भी यह मध्यम श्रेणी में आती हैं। इसलिए आप अपनी डेली रुटीन में इन्हें शामिल कर सकते हैं। शोध के अनुसार, फाइबर आपके यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती है। इसमें अघुलनशील और घुलनशील फाइबर की मात्रा भी काफी अच्छी पाई जाती है। एक अध्ययन के अनुसार, हाई यूरिक एसिड वाले मरीजों के लिए प्लांट बेस्ड दालें, सब्जियां फल, अंडे, मेवे, समुद्री भोजन, रेड मीट, ऑर्गन मीट, चिकन आदि का सेवन करना बहुत अच्छा माना जाता है।
यूरिक एसिड मरीजों का क्या नहीं खाना चाहिए
यूरिक एसिड से ग्रस्त मरीजों को प्यूरीन वाला खाना नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा हाई प्रोटीन से भी परहेज करें। यह फूड्स आपके जोड़ों का दर्द और यूरिक एसिड बढ़ा सकते हैं। खाने के बाद प्रोटीन का सेवन करने से खाना पच जाता है और एमीनो एसिड बनता है। वहीं दूसरी ओर प्यूरीन डीएनए और आरएनए का निर्माण खंड है। प्यूरीन मेटाबॉलिज्म से मिलकर यूरिक एसिड बनता है। किडनी को यूरिक एसिड 10 प्रतिशत मूत्र के माध्यम से उत्सर्जित होता है। यह 90 प्रतिशत किडनी में दोबारा अवशोषित होता है और मानव शरीर में प्रसारित होता है। इसी तरह शरीर में यूरिक एसिड बैलेंस बनता है।
क्या मसूर की दाल से बढ़ता है यूरिक एसिड
एक्सपर्ट्स के अनुसार, हाई यूरिक एसिड वाले रोगियों के लिए मसूर दाल का सेवन फायदेमंद माना जाता है। पोषण विरोधी कारकों के लिए आप दाल को कम से कम 6-7 घंटे के लिए भिगो दें। इसके बाद आप दाल, सूप, सब्जी के लिए अच्छे से पका लें। परंतु सीमित मात्रा में ही आप इसका सेवन करें।
क्या तुअर दाल का सेवन करना फायदेमंद?
यदि आपको यूरिक एसिड ज्यादा है तो लाल चने या तुअर दाल का सेवन आप कर सकते हैं। दाल को अच्छे से धो लें। इसके बाद कुछ घंटे के लिए इसको भिगो दें। भिगोने के कुछ समय के बाद दाल को पका लें। प्रोटीन और डाइटरी से भरपूर दाल आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगी।
राजमाह यूरिक एसिड वालों को खाने चाहिए?
राजमाह में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा भरपूर पाई जाती है। यह यूरिक एसिड कंट्रोल करने के साथ-साथ प्रोटीन भी देती है। परंतु राजमाह को आप रात भर के लिए भिगो लें। इसके बाद इसे धोकर अच्छे से पकाएं। रुटीन में आप एक कटोरी राजमाह का सेवन कर सकते हैं।
क्या उड़द की दाल खाना फायदेमंद?
हाई यूरिक एसिड के मरीज उड़द की दाल, काले चने आदि का सेवन कर सकते हैं। उड़द की दाल में प्रोटीन और फाइबर काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। बाकी दालों की तरह आप इसे 5-6 घंटे के लिए भिगो दें। इसके बाद अच्छे से धोकर पकाएं।
हरे मटर होते हैं फायदेमंद
हरे मटर में प्यूरीन के थोड़ी कम मात्रा पाई जाती है। संतुलित हिस्से के रुप में आप 50 ग्राम हरी मटर का सेवन कर सकते हैं।
क्या मूंग दाल खाना है फायदेमंद ?
मूंद दाल, हरा चना भी यूरिक एसिड के मरीजों के लिए सुरक्षित होती है। इसमें प्रोटीन, डायटरी फाइबर काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। आप इसे अपने रुटीन में शामिल कर सकते हैं। टैनिन, एंजाइम, अवरोधक, फाइटेट जैसे पोषण कारकों को दूर करने के लिए आप 5-6 घंटे के लिए इसे पानी में भिगो दें। पानी से इसे धो लें। इसके बाद आप इसे पकाएं।
क्या चना दाल खाना है फायदेमंद?
हाई यूरिक एसिड वाले रोगी चना और छोले की दाल का कम मात्रा में सेवन कर सकते हैं। आप एक संतुलित आहार में इसका सेवन कर सकते हैं। 40-50 ग्राम चना दाल और छोले का सेवन आप कर सकती हैं। परंतु इसे पूरी रात भिगोएं। पकाने से पहले इसे अच्छे से धो लें। धोने, भिगोने के बाद पकाने से इसमें प्यूरीन की मात्रा कम होती है। आप इन सारी दालों को एक सीमित मात्रा में डाइट में शामिल कर सकते हैं।
कौन सी दाल है फायदेमंद?
यूरिक एसिड वाले मरीजों के लिए प्रोटीन और फाइबर युक्त दालें बहुत ही फायदेमंद है। प्लांट बेस्ड शाकाहारी भोजन हाई यूरिक एसिड वाले रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। मसूर, मूंग, तूर, उड़द, चना, हरी मटर, राजमाह, छोले, आदि आप डाइट में शामिल कर सकते हैं।
नोट: इन सब दालों का सेवन करने से यदि समस्या बढ़ रही है तो डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन करें।