गंगा दशहरा का एक प्रमुख त्योहार है जो ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है। इसी दिन मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था। गंगा दशहरा पर मां गंगे की पूजा करने और गंगा स्नान करने का महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा मे स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप भी इस खास मौके माता गंगा के दर्शन करना चाहते हैं ता इन जगहों पर जा सकते हैं। चलिए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
हरिद्वार
गंगा दशहरा के दिन आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ हरिद्वार के पावन घाटों पर स्नान कर अपने कई जन्मों के पापों को काट सकते हैं।हरिद्वार भगवान विष्णु का द्वार है। यहां पवित्र गंगा बहती है जिसमें स्नान के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं और हर की पौड़ी में स्नान कर अपने पापों को धुलते हैं। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान यहां पर अमृत की बूंदें गिरी थी।
ऋषिकेश
ऋषिकेश में भी गंगा दशहरा के दिन अलग ही नजारा देखने को मिलता है। कहा जाता है कि कि इस स्थान पर तीन प्रमुख नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन यानी संगम होता है। इसी जगह से गंगा नदी दायीं ओर मुड़ जाती है। यहां हर शाम मां गंगा की विशेष पूजा-आरती का आयोजन होता है।
इलाहाबाद
संगम नगरी यानी कि गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होने वाली नगरी इलाहाबाद में गंगा दशहरा बहुत ही खास होता है। यहां हर साल श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिलती है।
वाराणसी
यूपी में बसी शिव नगरी यानी कि वाराणसी में हर साल गंगा दशहरा के मौके पर लाखों की संख्या श्रद्धालु आते हैं और मां गंगा में स्नान कर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। वाराणसी में 87 घाट हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है। विद्वान कहते हैं कि काशी में गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
गढ़मुक्तेश्वर
गंगा घाट पर बसे गढ़मुक्तेश्वर में मां गंगा का मंदिर भी बना है। इसके अलावा गंगा दशहरा के मौके पर यहां विशाल स्तर पर मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें शामिल होने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं और मां गंगा में डुबकी लगाकर मोक्ष प्राप्ति का आर्शीवाद मांगते हैं।