वास्तु शास्त्र में दिशाओं का खास महत्व होता है। कहते हैं अगर घर वास्तु शास्त्र के नियमों ने न बना हो या फिर घर का सामान वास्तु के हिसाब से न रखा हो तो शुभ घर में नकारात्मक उर्जा का वास होता है। सिर्फ इतना ही नहीं, वास्तु में खान खाने को लेकर भी खास नियम और वास्तु टिप्स बताए गए हैं। मान्यता है कि इन नियमों का पालन न करें से घर में कंगाली छा जाती है। आइए आपको बताते हैं खाने से जुड़े वास्तु के नियम।
इस दिशा में मुंह करके खाएं खाना
- वास्तु शास्त्र के अनुसार खाना खाते समय दिशाओं का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। वास्तु के अनुसार खाना खाने के लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर और पूर्व दिशा को माना गया है। वहीं दक्षिण को खाना खाने के लिए सबसे अशुभ दिशा माना गया है। दक्षिण की दिशा यम की मानी जाती है।
- वास्तु के अनुसार इस दिशा में खाना खाने से व्यक्ति की उम्र घटती है और दुर्भाग्य भी बढ़ता है। वास्तु में खाना खाने के लिए पश्चिम दिशा भी अशुभ मानी गई है। माना जाता है कि पश्चिम दिशा में मुंह करके भोजन करने से व्यक्ति पर कर्ज बढ़ता है। इस दिशा में मुंह करके खाना खाने से घर में कंगाली आती है।
- खाना हमेशा पूर्व या फिर उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके करना चाहिए। यह दोनों देव की दिशाएं मानी जाती हैं। माना जाता है कि इन दिशाओं की ओर मुंह करके भोजन करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और सेहत भी अच्छी रहती है।
- वास्तु के अनुसार कभी भी जूते पहनकर या सिर ढककर खाना नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से भोजन का अपमान होता है। वहीं बिस्तर पर बैठकर खाना खाने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं। इससे घर में धन का अभाव होता है।
- वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि भोजन हमेशा नहा कर करना चाहिए। हमेशा स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही खाना खाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी के साथ-साथ अन्नपूर्णा देवी की भी कृपा बरसती है।
- खाना कभी-भी टूटे-फूटे बर्तन या हाथ पर रखकर नहीं खाना चाहिए। वास्तु में खाना खाने की सबसे अच्छी जगह रसोई घर या उसके आसपास की जगह बताई गई है. भोजन ऐसी जगह करना चाहिए जहां प्राकृतिक प्रकाश और शुद्ध वायु आती रहे।
-थाली में उतना ही खाना लें जितना आपको खाना हो। झूठा भोजन छोड़ना अन्न का अपमान माना जाता है। इससे घर में धन और अन्न की कमी होने लगती है।