जब भी कोई महिला गर्भवती होती हैं उस दौरान उनके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। खांसने और छींकने के दौरान इस तरह की दिक्कत होना बेहद आम बात है। हार्मोन्स में बदलाव के कारण केवल शारिरिक तौर पर ही नहीं बल्कि महिलाओं की मानसिक स्थिति पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। थकान, तनाव और मूड स्विंग्स के साथ कुछ महिलाओं की गर्भावस्था में आवाज भी बदल जाती है, गर्भावस्था में महिलाओं की आवाज क्यों और कैसे बदलती है, आईए जानते हैं इसके बारे में-
क्या कारण है गर्भावस्था के दौरान आवाज का बदलना-
जब भी कोई महिला गर्भावती होती हैं तो शुरूआत से लेकर बच्चे के जन्म तक उनके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। जिसमें ज्यादातर मेटाबॉलिक, शारीरिक और संरचनात्मक बदलाव हैं, पर ये सभी आपकी बदलती हुई आवाज के उलट हैं। गर्भावस्था के दौरान आपकी आवाज, पिच और क्वालिटी में बदलाव होने के कारण होते हैं इसके अलावा और भी की कारण है आईए जानते हैं-
वोकल कॉर्ड्स में सूजन आना-
गर्भावस्था के दौरान अकसर सभी महिलाओं के हाथों, पैरों और चेहरे पर सूजन आ जाती है और कभी-कभी वोकल के टिश्यू भी सूज जाते हैं। इस सूजन की वजह से वोकल कॉर्ड पर भारी दबाव पड़ता है और आवाज की क्वालिटी में तोड़ा फर्क जाता हैं।
हॉर्मोनल बदलाव-
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के उतार-चढ़ाव से गर्भवती महिला के शरीर पर प्रभाव पड़ता है और हॉर्मोनल असंतुलन हो जाता है जिस वजह से भी आवाज की क्वालिटी प्रभावित होती है।
शरीर में फ्लूइडका बढ़ना-
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में लगभग 50% फ्लूइड बढ़ता है। शरीर में फ्लूइड बढ़ने से कभी-कभी यह वोकल कॉर्ड के आसपास भी इकट्ठा हो जाता है जिसकी वजह से वाइब्रेशन दर धीमी हो जाती हैं इस दौरान वाइब्रेशन दर जितना कम होगा आवाज उतनी ही भारी हो जाती हैं।
लंग्स का धीमा फंक्शन करना
जब महिला के गर्भ में बच्चे की वृद्धि होने लगती हैं तब सभी अंग और डायफ्राम भी ऊपर की ओर खिसक जाते हैं। इससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती हैं और आवाज भारी हो जाती है, वहीं इस दौरान लंग्स धीमा फंक्शन करने लगता है और आवाज भी बदल जाती है।
शरीर में ब्लड वेसल का बढ़ना-
गर्भावस्था के दौरान महिला के पूरे शरीर में ब्लड वेसल बढ़ने लगते हैं ताकि जो शरीर के अलग अलग हिस्सों में खून की आपूर्ति हो सके। यह आपकी वोकल कॉर्ड की वेसल में भी होता है जिसकी वजह से वोकल कॉर्ड की मांसपेशियां नाजुक होती हैं और आसानी से फटने लगती हैं, इससे भी आवाज बदल जाती हैं।
जानिए कब डॉक्टर से बात करनी चाहिए-
-अगर आपको बोलने या गाना गाते समय या छींकने या खांसने के बाद आवाज में अचानक से बदलाव आए तो डाॅक्टर से संपर्क करें
-बोलते या गाना गाते समय दर्द महसूस होना।
-प्रेग्नेंसी के दौरान आवाज में धीरे-धीरे बदलाव का बढ़ते रहना।
-प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह के बदलाव को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि डिलीवरी के बाद अधिकतर बदलाव अपने आप ठीक हो जाते हैं।