मौसम ने बदलना शुरु कर दिया है ऐसे में ठंडी हवाओं का सबसे पहला असर स्वास्थ्य पर होता है। सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी इस मौसम के चलते प्रभावित होते हैं। कमजोर इम्यूनिटी के कारण च्चों को सर्दी, जुकाम, खांसी के साथ-साथ स्किन प्रॉब्लम, रैशेज जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। ऐसे में जरुरी है कि पेरेंट्स अपने बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इसके लिए आज आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं जिनके जरिए आप बच्चे को इस बदलते मौसम में बचा सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में...
ड्राई फ्रूट्स
बदलते मौसम में बच्चों को सर्दी-जुकाम बहुत जल्दी घेरता है। ऐसे में सूखे मेवे न उन्हें सिर्फ ऊर्जा देते हैं बल्कि सर्दियों में गर्मी भी देते हैं। इसलिए बच्चों को ठंड के मौसम में बीमार होने से बचाने के लिए उन्हें ड्राई फ्रूट्स जरुर खिलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे अखरोट, खजूर, किश्मिश और सूखे जंजीर का सेवन करवाएं।
शारीरिक व्यायाम
इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को शारीरिक गतिविधियां बदलते मौसम के साथ जरुर करवाएं। बदलते मौसम के साथ ज्यादातर पेरेंट्स अपने बच्चों को घर के अंदर रखते हैं लेकिन उन्हें अंदर रखने का अर्थ यह नहीं कि आप उनसे व्यायाम न करवाएं। रोज कम से कम बच्चों को 30 मिनट स्ट्रेचिंग व्यायाम जरुर करवाएं। यदि बाहर का मौसम अच्छा है तो आप उन्हें 40 मिनट के लिए दौड़, पैदल या फिर खेलने के लिए भेज सकते हैं। इससे बच्चों की एक्सरसाइज होगी।
फाइबर युक्त डाइट खिलाएं
बच्चों को हेल्दी और बीमारियों से बचाने के लिए आप उन्हें फाइबर युक्त डाइट जरुर दें। इस डाइट का सेवन करने से बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत होगी और उनकी पाचन क्रिया भी स्वस्थ रहेगी। इस डाइट का सेवन करने से बच्चे बिल्कुल भी बीमार नहीं पड़ेंगे।
अदरक, तुलसी, हल्दी
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, शरीर को दोषों से दूर करने के लिए प्राकृतिक चीजों का सेवन करने की सलाह जेते हैं। मौसमी बीमारियां जैसे खांसी, जुकाम को दूर करने के लिए आयुर्वेद में हल्दी, अदरक और तुलसी बेहद फायदेमंद बताई गई है। इन सब चीजों का सेवन करने से हल्दी वाला दूध, तुलसी का पानी, अदरक कैंडी का आप सेवन कर सकते हैं। बच्चों की डाइट में आप काली मिर्च, इलायची, दालचीनी शामिल कर सकते हैं।
हाईड्रेटेड रखें
पानी भी बच्चों के शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने में मदद करता है लेकिन बदलते मौसम में पानी का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि यह शरीर का तापमान नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि आपके बच्चे पूरी तरह हाइड्रेटेड नहीं रहेंगे तो उनका नाक का मार्ग और गला सूख जाता है। इससे कीटाणुओं उनके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए बच्चे को दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं ताकि वह हाइड्रेटेड रह सकें।