आम हो या खास इंसान कोई भी बीमारी कभी भी किसी को अपना शिकार बना ही लेती है। फिटनेस को लेकर काफी अलर्ट रहने के बावजूद बॉलीवुड स्टार्स और सेलिब्रिटी भी तमाम तरह की गंभीर बीमारियों में घिर जाते हैं। साउथ एक्ट्रेस ममता मोहनदास भी इन दिनों एक गंभीर बीमारी के साथ जंग लड़ रही है। बड़ी बात यह है कि वह दो बार कैंसर को भी मात दे चुकी है।
मलयालम एक्ट्रेस ममता मोहनदास बेहद ही मुश्किल दौर से गुजर रही है। उन्हें ऑटोइम्यून बीमारी विटिलिगो (autoimmune disease vitiligo) हो गया है, जिसका खुलासा उन्होंने खुद एक पोस्ट के जरिए किया है। इस दौरान ममता ने यह भी बताया कि वह किस दर्द से गुजर रही है। इस बीमारी के चलते वह अपना रंग खो रही है, जो किसी भी लड़की के लिए बहुत बड़ी बात है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब वो किसी गंभीर बिमारी से जूझ रही हों।
मलयालम एक्ट्रेस ममता मोहनदास एक्टिंग के अलावा एक प्लेबैक सिंगर भी हैं और उन्होंने कई सुपरहिट गानों को आवाज दी है। हाल ही में उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा- "डियर ( सन इमोजी), मैं अब आपको गले लगा रही हूं, जैसा मैंने पहले कभी नहीं किया । तो देखा मैं रंग खो रही हूं ... मैं हर सुबह आपसे पहले उठती हूं, आपकी पहली किरण देखने के लिए। मुझे वह सब दे दो जो तुम्हारे पास है.. क्योंकि मैं आपकी कृपा से हमेशा और हमेशा के लिए ऋणी रहूंगी।"
ममता ने अपने पोस्ट में कलर, ऑटोइम्यून डिजीज, विटिलिगो और सनलाइट जैसे हैशटैग का भी इस्तेमाल किया है। पोस्ट के साथ शेयर की गई तस्वीर में एक्ट्रेस ब्लैक टी-शर्ट और जैकेट पहने स्माईल देती नजर आ रही है। तस्वीर में देख सकते हैं कि उनके चेहरे की रौनक गायब हो गई है, वाचजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है। इस पोस्ट के सामने आने के बाद फैंस के साथ- साथ सितारे भी उन्हें इस बीमारे से लड़ने की हिम्मत दे रहे हैं।
एक फैन ने उनके पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा-, "आप बहुत पावरफुल महिला हैं, मैं आपसे सच में प्यार करता हूं, हमें प्रेरणा देती रहिए"। ममता 2010 में हॉजकिन लिंफोमा नाम की बीमारी से जूझ चुकी है। इससे ठीक होने के बाद वह 2013 में फिर कैंसर की चपेट में आ गई थी। एक्ट्रेस ने ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कराया और वे ये जंग भी जीती। अब एक बार फिर वह उसी जगह आकर खड़ी हो गई है।
क्या है विटिलिगो
विटिलिगो एक चर्म रोग है जिसके परिणामस्वरूप पूरे शरीर पर सफेद धब्बे पड़ जाते हैं। ज्यादातर मामलों में, ये पैच समय के साथ बड़े हो जाते हैं। ज्यादातर मामलों में सफेद धब्बे समय के साथ अन्य अंगों में फैल जाते हैं और अंत में, आपका लगभग पूरा शरीर प्रभावित हो जाता है। अब तक, इस त्वचा की स्थिति का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, नियमित उपचार प्रभावित क्षेत्रों पर कुछ रंग बहाल करने में मदद करता है। शोध से पता चला है कि ज्यादातर मामले 10-30 साल की उम्र के बीच हुए है।