पिंक आई फ्लू आजकल बहुत ही तेजी से फैल रहा है। मेडिकल टर्म में इसे कंजक्टिवाइटिस भी कहा जाता है। इसमें आंखों में जलन, दर्द और लालिमा जैसी परेशानियां होती हैं। इस बीमारी का मुख्य कारण एलर्जिक रिएक्शन होता है, और ये किसी भी उम्र में हो सकता है, खासकर बच्चे इसकी चपेट में आते हैं। आइए आज आपको बताते हैं पिंक आई फ्लू के बारे में सब कुछ ताकि आप इस आई इंफेक्शन से बेहतर बचाव कर सकें...
क्या है वजह...
आंखों का इंफेक्शन आमतौर पर एक आंख से शुरु होता है और दूसरी आंख में फैल जाता है। बारिश की वजह से हवा द्वारा इंफेक्शन फैलाने वाले कीटाणु और जीवाणु बढ़ जाते हैं। ये infected सतह को छूने से फैलते है इसलिए आंखों को छूने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें। साथ ही बार-बार आंखों को छूने से बचें।
लक्षण जान लें...
आई फ्लू का इंफेक्शन होने पर आंख में तेज दर्द, लालिमा , पानी के साथ चिपचिपा पीला पदार्थ आना, खुजली होना, धुंधला दिखाई देना, जलन होना और देखने में परेशानी होना या आंखों में कुछ चला जाना जैसे महसूस होता है।
ऐसे करें बचाव...
- आंखों को पिंक फ्लू से बचाने के लिए उन्हें ठंडे पानी से कई बार धोएं और डॉक्टर द्वारा बताई आई ड्रॉप डालें।
- नियमित रुप से हाथ धोएं और बिना हाथ धोएं आंखों को छूने से बचें।
- जिन लोगों को आई फ्लू है, उनसे दूर रहें। तौलिया, कपड़े, चादर, चश्मे और मेकअप जैसे सामान शेयर ना करें।
- आंखों में खुजली होने पर रगड़ने के बजाए साफ पानी के छींटे मारें।
- कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो उसकी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।
इंफेक्शन होने पर क्या करें...
पिंक आई का शिकार होने पर ज्यादा बाहर निकलने से बचें। ये इंफ्कशन है जो स्वस्थ लोगों को भी फैल सकता है। इसलिए अगर बाहर जाना जरूरी है तो आंखों पर काला चश्मा लगाकर ही निकले। हाथ मिलाने से बचें और सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें।
ना डालें आंखों में गुलाब जल...
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आई फ्लू 3- 4 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन अगर ठीक होने के बजाए ये समस्या बढ़ जाती है तो किसी अच्छे eye specialist को दिखाएं। बिना डॉक्टर के सलाह के कोई भी आई ड्रॉप का इस्तेमाल ना करें। ऐसे समय में आंखों में गुलाबजल भी ना डालें, इससे इंफेक्शन बढ़ सकता है।