हर साल 12 जून को मनाया जाने वाला World Day Against Child Labour सैंकड़ों बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूक करता है। चाहे छोटे बच्चे अपनी मर्जी से काम करते हैं या फिर उनसे जबरदस्ती काम कराया जा रहा हो, दोनों ही मामलों में ये इन बच्चों को अपना पेट पालने के लिए काम करना पड़ता है और ये विपत्ती बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिसे सही तरीके से हल किए जाने की जरूरत है ताकि बच्चों की मानिसक प्रताड़ना बंद की जा सके....
UN की 2022 की एक रिपोर्ट के हिसाब से 160 मिलियन बच्चे आज भी बालश्रम में लगे हुए हैं और ये चीज लगभग सभी क्षेत्रों में है चाहे वह व्यवसायिक जगत हो या फिर कृषि क्षेत्र। एक अनुमान के हिसाब से करीब 7 करोड़ बच्चे खतरनाक उद्योगों में काम पर लगे हुए हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से उनके मानिसक स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहे हैं।
बच्चों मे है डर और हताशा
बालश्रम करने वाले बच्चों पर गंभीर नकरात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। बालश्रम के कारण बच्चों का शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से स्वास्थय प्रभावित होता है। बच्चों पर आजकल एक नई सनक सवार है, जिसमें भविष्य में काम की संभावनाओं के लिए आवश्यक अनुभव को जुटाने के लिए भी वो कम करना चाहते हैं। हालांकि कार्यस्थल पर ज्यादा देर तक काम करने और वहां मौजूद लोगों के दुर्व्यवहार से बच्चों की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।
बाल श्रम करने से बच्चों को हो सकती हैं ये समस्याएं
डिप्रेशन
घाव लगने के बाद तनाव विकार।(PTSD)
एडजस्टमेंट डिसॉर्डर, जिसमें बच्चों को नए माहौल में एडजस्ट होने में दिक्कत आती है।
चिंता संबंधी विकार (Anxiety), जिसमें बच्चों को नई स्थितियों और परिवेश में तालमेल बिठाने में कई समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।
इस तरह से करें बच्चों की मदद
गले लगाकर उनका हौसला बढ़ाए और बताएं की आप उनके साथ हैं।
बच्चे के साथ समय बिताए और अनुभव साझा करें।
मानसिक स्वास्थय और दैनिक जीवन में कठिन परिस्थितियों से निपटने के तरीकों के बारे में बात करें।
काउंसलिंग के लिए बच्चे को Psychiatrist के पास ले कर जाएं।