नारी डेस्क: आंखों की नियमित जांच न केवल दृष्टि संबंधी समस्याओं का पता लगाने में मदद करती है, बल्कि यह स्ट्रोक के जोखिम का भी संकेत दे सकती है। हाल ही के अध्ययन में इस बात का दावा किया गया है कि आंखों में रक्त वाहिकाओं की स्थिति, रेटिना की स्थिति, और अन्य सूचनाएं मस्तिष्क और हृदय स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकती हैं। इसलिए, आंखों की जांच को नियमित रूप से करवाना महत्वपूर्ण है, खासकर उन लोगों के लिए जिनमें स्ट्रोक के जोखिम कारक मौजूद हैं।
क्या कहता है अध्ययन
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में सेंटर फॉर आई रिसर्च ऑस्ट्रेलिया (सीईआरए) के नेतृत्व में किए गए शोध में आंख के पीछे एक रक्त वाहिका "फिंगरप्रिंट" की पहचान की गई है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के स्ट्रोक के जोखिम का पारंपरिक जोखिम कारकों की तरह सटीक रूप से अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है। शोध में पाया गया कि फिंगरप्रिंट में संवहनी स्वास्थ्य के 118 संकेतक होते हैं और इसका विश्लेषण फंडस फोटोग्राफी से किया जा सकता है, जो नियमित नेत्र परीक्षणों में उपयोग किया जाने वाला एक सामान्य उपकरण है।
हर साल स्ट्रोक के कारएा होती है लाखों लोगों की मौत
टीम ने रेटिना-आधारित माइक्रोवैस्कुलर हेल्थ असेसमेंट सिस्टम (RMHAS) नामक मशीन लर्निंग टूल का उपयोग करके यू.के. में 55 वर्ष की औसत आयु वाले 45,161 लोगों की आंखों के फ़ंडस फ़ोटो का विश्लेषण किया। 12.5 वर्षों की औसत निगरानी अवधि के दौरान, 749 प्रतिभागियों को स्ट्रोक हुआ। शोधकर्ताओं ने 118 संकेतकों में से 29 को पहली बार स्ट्रोक के जोखिम से महत्वपूर्ण रूप से जुड़े हुए के रूप में पहचाना। अध्ययन में कहा गया है कि स्ट्रोक दुनिया भर में 100 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है और हर साल वैश्विक स्तर पर लगभग 6.7 मिलियन लोगों की मृत्यु का कारण बनता है, जिससे स्ट्रोक से संबंधित विकलांगता और मृत्यु दर को कम करने के लिए जोखिम वाले व्यक्तियों की प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण हो जाती है।
इस तरह होती है जांच
आंखों के पीछे की रेटिना (नेत्रगोलक की भीतरी परत) का निरीक्षण किया जाता है। अगर रेटिना में सूजन, रक्त प्रवाह में बाधा, या छोटी-छोटी रक्त वाहिकाओं में क्षति पाई जाती है, तो यह उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक के जोखिम का संकेत हो सकता है।आंखों की जांच के दौरान उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) और मधुमेह के संकेत भी देखे जा सकते हैं, जो स्ट्रोक के मुख्य जोखिम कारक हैं। आंखों में रक्त वाहिकाओं की स्थिति इन बीमारियों के शुरुआती लक्षणों को उजागर कर सकती है।