इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड में शरीर ज्यादा प्रतिक्रियाएं करता है जिससे हाथ-पैरों में रक्त वाहिकाएं इतनी ज्यादा सिकुड़ जाती हैं कि वे सफेद, पीली और अंत में नीली होने लगती हैं। उंगलियों के रंग में बदलाव मुख्यतौर पर इसलिए होता है क्योंकि रक्त में ऑक्सीजन की कमी होती है। इस समस्या को रेनॉड रोग भी कहते हैं। इसमें त्वचा ठंडी या सुन्न भी महसूस हो सकती है। जैसे ही रक्त वाहिकाएं शिथिल होकर फिर से खुल जाती हैं तो त्वचा लाल दिख सकती है। इसके अलावा त्वचा में झुनझुनी भी महसूस हो सकती है। इस समस्या के और क्या-क्या कारण हैं और आप इससे अपना बचाव कैसे कर सकते हैं आज आपको इस बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं...
बीमारी के कारण
कई बार इस तरह की बीमारी का कोई कारण नहीं होता है लेकिन डायबिटीज स्पॉन्डिलाइटिस या और कोई बीमारी के कारण भी शरीर में इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं। इस बीमारी में शुरुआती दौर पर कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे
. उंगलियों में खुजली
. दर्द
. उंगलियां लाल होना
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. सूजन होना
. सुन्नपन दिखना
. रक्त संचार कम होना
. सफेद या नीली उंगली होना
इसके अलावा रक्त संचार कम होने के कारण भी उंगलियां सफेद और नीली होने लगती हैं। ठंड के कारण रक्तवाहिनियों के अंतिम त्वचा को रक्त पहुंचाने वाली रक्त शिराओं के संकुचन से उंगली या नाक-कान के सिरों पर दर्द होना, अजीब-कान के सिरों पर दर्द होना, अजीब सा महसूस होना भी इसी बीमारी के लक्षण हैं। इस बीमारी में त्वचा पर सफेद, लाल और अंत में उंगलियां नीली हो जाती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरा
उंगलियों के नीले और सफेद होने पर चिकित्सा जगत में कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर की बीमारी माना जाता है लेकिन डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों में इस बीमारी का रिस्क बढ़ जाता है। महिलाओं में यह बीमारी अधिक देखी जाती है। यह बीमारी आपकी उंगलियां भी खराब कर सकती है और इस बीमारी के आखिरी चरण में उंगलियों का रक्त संचार बिल्कुल समाप्त होने पर उंगलियों को काटना भी पड़ सकता है।
ऐसे करें बचाव
. सर्दियों में यह समस्या बढ़ सकती है इसलिए इस दौरान ठंड से बचें।
. गर्म कपड़े पहनें।
. दस्तानें पहनें, कान और नाक को ढककर रखें।
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. इसके अलावा धूम्रपान और कैफीन का सेवन न करें।
. फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज करें।
. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और तनाव के कारण यह बीमारी बढ़ सकती है। ऐसे में अपना ध्यान रखें।
जुराबें और दस्तानें पहनें
वैसे तो ठंड में हाथ-पैर सुन्न होना आम बात ही लेकिन इसे रेनॉड डिजीज भी कहते हैं। यह बीमारी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों से जूझ रहे व्यक्तियों के अंगों के लिए खतरनाक हो सकती है। ऐसे में थोड़ी सावधानी बरतें। ऊनी कपड़े, जुराबें और दस्तानें पहनें। यदि आप डायबिटीज के रोगी हैं तो आपकी समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है ऐसे में आग सेकें। मालिश करें, ठंड से बचे रहने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें। इस बीमारी में थोड़ी सी लापरवाही भी आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
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ये भी हो सकते हैं कारण
उंगलियों के सुन्न होने के कुछ और कारण भी हो सकते हैं जैसे - प्रोलैप्स, कार्पल टनल सिंड्रोम, न्यूरोपैथी। यदि इस बीमारी में आपको सिंकाई करने पर भी फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर की सलाह जरुर लें। लक्षणों के आधार पर आप डॉक्टरी जांच करवा सकती हैं जैसे ब्लड टेस्ट, कलर डॉपलर, एनसीवी या एमआरआई।