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Covid के बाद मंदी, Luxury Brands का अस्तित्व ख़त्म होने जैसा हाल

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 16 Feb, 2025 11:31 AM
Covid के बाद मंदी, Luxury Brands का अस्तित्व ख़त्म होने जैसा हाल

नारी डेस्क: कोविड महामारी के झटकों से अभी भी दुनिया पूरी तरह उबर नहीं पाई है। लोग अब पैसा खर्च करने के बजाय बचत करने में लगे हैं। जिसका असर बड़े-बड़े ग्लोबल ब्रांड्स पर पड़ता नजर आ रहा है। लग्जरी इकॉनमी इस समय कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है। Desirée Bollier, वैल्यू रिटेल की चेयर और ग्लोबल चीफ मर्चेंट कहती है- 

'आप लग्जरी स्पेस में रहते हुए भी सर्वव्यापी नहीं हो सकते। लग्जरी हाउसेज के पास बदलाव के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वे कीमतें नहीं बढ़ा सकते, लेकिन वितरण में पूरी तरह कमी आएगी। ब्रैंड्स के पास नुकसान उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।'

वह बताती हैं कि इस संकट के दौरान कई लग्ज़री ब्रांड्स अपनी योजनाओं, सप्लाई चेन और डिजाइन को फिर से सोचने का काम कर रहे हैं। बोल्लियर के अनुसार, यह समय ब्रांड्स के लिए अपनी रणनीतियों को सुधारने और नये दृष्टिकोण के साथ काम करने का है। उनका मानना है कि यह संकट ब्रांड्स के लिए न केवल एक चुनौती है, बल्कि एक अवसर भी है, जिससे वे अपनी नीतियों को नये तरीके से विकसित कर सकते हैं।

मिलेनियल्स और जेन Z

बोल्लियर का कहना है कि भारतीय ग्राहक वैल्यू रिटेल के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। भारतीय युवा पीढ़ी (मिलेनियल्स और जेन Z) को लक्ज़री ब्रांड्स जैसे बर्बेरी, वैलेंटिनो, गुच्ची और डायर पसंद हैं। भारतीय ग्राहक अक्सर अपने परिवारों के साथ यात्रा करते हैं और उनकी प्राथमिकताएं अनुभवों पर आधारित होती हैं, जो वैल्यू रिटेल की रणनीति के अनुरूप हैं।

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भारत और लग्जरी शॉपिंग

बोल्लियर का मानना है कि भारत की बढ़ती मध्यवर्गीय आबादी और युवा पीढ़ी के बीच लग्ज़री शॉपिंग की मांग बढ़ रही है। "भारत अब चीन से कहीं आगे बढ़ चुका है। भारत से आने वाले ग्राहक यूके, फ्रांस, इटली और स्पेन जैसे प्रमुख देशों में बढ़ रहे हैं।" भारतीय ग्राहक खासतौर पर अनुभव की तलाश में रहते हैं, जो वैल्यू रिटेल के बिजनेस मॉडल से मेल खाता है।

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लग्ज़री इंडस्ट्री में बदलाव

बोल्लियर कहती हैं कि लग्ज़री इंडस्ट्री अब एक गंभीर संकट का सामना कर रही है, जो कोविड महामारी के बाद और बढ़ गया है। अब लग्ज़री ब्रांड्स के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। उन्हें अपनी बिक्री के तरीके को कम करना होगा और अपनी खास पहचान बनाए रखने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे। वह उदाहरण देते हुए कहती हैं कि Hermès जैसे ब्रांड्स ने धीरे-धीरे अपनी कीमतें बढ़ाई हैं, लेकिन उन्होंने अपनी गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ने दिया और अपनी उत्पादों की उपलब्धता को सीमित रखा है।

भारत में लग्ज़री Products पर टैक्स का असर

भारत में लग्ज़री उत्पादों पर टैक्स बढ़ने की संभावना पर बोल्लियर का कहना है कि इसका असर जरूर पड़ेगा, लेकिन यह ग्राहकों के खरीदारी निर्णय को पूरी तरह से प्रभावित नहीं करेगा। अगर कोई ग्राहक मिलान यात्रा पर जा रहा है, तो वह टैक्स बढ़ने के बावजूद वहां खरीदारी करेगा।

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बोल्लियर का मानना है कि लग्ज़री इंडस्ट्री में बदलाव के बावजूद, यह क्षेत्र पुनः मजबूत होकर उभरेगा। इस समय में कुछ ब्रांड्स अपनी रणनीतियों को नए तरीके से परिभाषित करेंगे, जबकि अन्य इस बदलाव से पीछे हट सकते हैं।

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