19 SEPTHURSDAY2024 4:01:36 AM
Nari

जल्दी हो गए हैं  पीरियड्स बंद? कहीं ये कैंसर के संकेत तो नहीं

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 16 Sep, 2024 10:47 AM
जल्दी हो गए हैं  पीरियड्स बंद? कहीं ये कैंसर के संकेत तो नहीं

नारी डेस्क: प्रीमैच्योर मेनोपॉज महिलाओं के लिए कई तरह की मुसीबत ले आता है।  आमतौर पर महिलाओं को 45 से 55 की आयु में मेनोपॉज होता है। इस दौरान और उसके बाद, महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जो उनके शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं। कई स्टडी में दावा किया गया है कि अगर महिलाओं में प्रीमेच्योर मेनोपॉज की समस्या 40 की उम्र से पहले हो जाती है तो इस मामले में कैंसर का जोखिम दोगुना बढ़ जाता है। 

PunjabKesari

जेनेटिक्स और मेनोपॉज को लेकर किया गया शोध

ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने जेनेटिक्स और मेनोपॉज के समय के बीच लिक पर शोध किया। इसमें पता चला कि यदि महिला में कैंसर रोग के जीन मौजूद होते हैं तो बीमारी होने के पांच साल पहले ही उनके हॉर्मोन में बदलाव होने लगता है और नतीजतन कम उम्र में ही मेनोपॉज शुरू हो जाता है। मेनोपॉज में देरी या जल्दी का कारण बनने वाले कुछ जीन के सेट भी कैंसर का खतरा बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं।शोध में एक लाख ब्रिटिश महिलाओं को शामिल किया गया था। उन्हें महिलाओं में वो जीन मिले जो महिलाओं में अंडों को तेजी से खत्म करते हैं।


मेनोपॉज जल्दी होने और कैंसर के बीच संबंध

मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) का जल्दी होना और कैंसर के बीच कुछ संबंध पाए गए हैं, लेकिन यह सीधा कारण नहीं है कि जल्दी मेनोपॉज होने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह पूरी तरह से महिला के स्वास्थ्य, जीवनशैली और जेनेटिक फैक्टर्स पर निर्भर करता है। कहा जाता है कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन  का स्तर मेनोपॉज के दौरान घटता है, और इन हॉर्मोनों में बदलाव कुछ कैंसर, जैसे स्तन कैंसर और गर्भाशय के कैंसर के खतरे से जुड़ा हो सकता है। वहीं एस्ट्रोजन के कम स्तर  के कारण हड्डियों और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, जिससे महिला के समग्र स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।

PunjabKesari
किन महिलाओं को है अधिक खतरा

जिन महिलाओं में मेनोपॉज जल्दी आता है (40 साल की उम्र से पहले), उन्हें एंडोमेट्रियल कैंसर, ओस्टियोपोरोसिस , और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। जीवनशैली, जेनेटिक्स और अन्य स्वास्थ्य परिस्थितियां, जैसे मोटापा या हार्मोनल असंतुलन, कैंसर के जोखिम को प्रभावित कर सकते हैं।


बचाव के तरीके

मेनोपॉज से जुड़े कैंसर के खतरे को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

 फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फैट और शक्कर वाले खाने से बचें।  नियमित एक्सरसाइज कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट वर्कआउट करें।

नियमित चेकअप और स्क्रीनिंग

मेनोपॉज के बाद नियमित चेकअप करवाते रहें। विशेष रूप से मेमोग्राफी और पैप स्मियर टेस्ट के जरिए ब्रेस्ट और गर्भाशय कैंसर की जांच करवाना ज़रूरी है। अगर परिवार में कैंसर का इतिहास है तो डॉक्टर से खास टेस्ट या स्क्रीनिंग करवाने के बारे में पूछें।

हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) से बचें 

 हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है, लेकिन इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। HRT का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें।   धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीने से कैंसर का खतरा बढ़ता है, खासकर महिलाओं में जो मेनोपॉज की अवस्था में हैं।

वजन नियंत्रित रखें

मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने से ब्रेस्ट और अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए वजन को नियंत्रित रखना जरूरी है।अगर आपको जल्दी मेनोपॉज हो रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श लें ताकि वह उचित सुझाव और स्क्रीनिंग दे सकें।

PunjabKesari
इस बात का रखें ख्याल

मेनोपॉज जल्दी होने पर कैंसर का सीधा खतरा नहीं होता है, लेकिन इससे जुड़ी कुछ स्थितियां जोखिम को बढ़ा सकती हैं। नियमित जांच, स्वस्थ जीवनशैली, और डॉक्टर की सलाह से इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
 

Related News