हमारे आस-पास ऐसी ही कितनी ही चीजें हैं जिनसे हमें शिकायते होंगी। लेकिन उसे ठीक करने वाले और उस चीज का हल निकालने वाले बहुत कम लोग होते हैं। दूसरों से शिकायतें करना व दूसरे पर दोष डालने से उस समस्या का हल नहीं हो जाता है। ऐसे में अगर लोग किसी समस्या की शिकायत से पहले उसका निकाल लें तो? जिंदगी बहुत आसान हो जाएगी। हाल ही में कुछ ऐसा ही हुआ। जहां मध्यप्रेदश की एक बेटी ने महिलाओं के साथ मिलकर ऐसा कारनामा कर दिखाया कि आपको भी यह एहसास हो जाएगा कि अगर आप व्यक्ति चाहे तो वो बहुत कुछ कर सकता है।
क्या है मामला?
दरअसल यह मामला मध्यप्रदेश का हैं जहां एक लड़की ने सूखी झील की परेशानी को दूर करने के लिए शिकायत करने की बजाए खुद ही उस पर काम किया और ऐसा जादू किया कि पीएम मोदी भी इस लड़की की तारीफ किए बिना रह न सके। दरअसल बुंदेलखंड के क्षेत्र में गांव के आस-पास पानी की इतनी समस्या है कि उसके हल की जरूरत थी। पानी न होने के कारण न सिर्फ महिलाओं को बल्कि जानवरों को भी कईं समस्याएं होती थी।
कौन है बबीता राजूपत?
बबीता राजपूत मध्यप्रदेश की ही रहने वाली हैं। बबीता को जब इस समस्या के बारे में पता चला तो उन्होंने इस समस्या पर शिकायत करने की बजाए इस पर खुद ही काम किया और गांव की बाकी महिलाओं को भी प्रेरित किया। महिलाओं ने वन विभाग की मदद से 107 मीटर के पहाड़ को काटा गिराया। जिसके बाद पहाड़ काटने के बाद रास्ता बना और सूखी झील में पानी आने लगा जिससे वह नहर बन गई। अब वहां तलाब भी भरा भरा रहता है। खबरों की मानें तो महिलाओं ने यह काम 18 महीनों में कर दिखाया है। इतना ही नहीं पहाड़ काट कर रास्ता बनाने के बाद अब तालाब भी भरा-भरा रहता है और सूखे कुएं में भी अब पानी से भरने लगा है। पहले जो हैंडपंप सूख गए थे वे भी अब चालू हो गए हैं।
पीएम मोदी ने भी की तारीफ
हम सब जानते हैं कि पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम के द्वारा लोगों के साथ बातचीत करते रहते हैं। इसी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ,' बुंदेलखंड की रहने वाली बबीता राजपूत के गांव के पास का एक बहुत बड़ा तलाब था, जो सूख गया था बबीता ने गांव की ही दूसरी महिलाओं की मदद से तालाब तक पानी पहुंचाने के लिए एक नहर बना दी। इस नहर से बारिश का पानी सीधे तालाब में जाने लगा और अब ये तालाब पानी से भरा रहता है। बबीता जो कर रही हैं, उससे आप सभी को प्रेरणा मिलेगी।'
सच में बबीता आज सब के लिए मिासल है। उन्होंने समाज को यह भी दिखा दिया है कि महिलाएं चाहे तो अकेले बहुत सारे काम कर सकती हैं। हम भी बबीता के इस जज्बे को और बाकी महिलाओं की मेहनत को सलाम करते हैं।