ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन को लेकर एक चौंका देने वाली खबर सामने आई हैं। दरअसल, ब्रिटेन में वैक्सीनेशन और इम्यूनाइजेश पर बनी ज्वॉइंट कमिटी (JCVI) ने 40 साल से कम उम्र के लोगों को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की जगह कोई दूसरी वैक्सीन लगवाने की सलाह दी है।
JCVI एडवाइजरी कमिटी के प्रोफेसर वी शेन लिम ने कहा कि 30 साल से 39 साल की उम्र के लोगों को ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की बजाए कोई दूसरी वैक्सीन दी जाएगी। दरअसल उन्होंने वैक्सीन से बन रहे जानलेवा खून के थक्कों को देखते हुए ये कदम उठाया है।
लिम ने बताया कि ब्रिटेन ने पिछले साल दिसंबर में Pfizer और BioNTech शॉट के साथ बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम लॉन्च किया था। ये काम अभी भी ट्रैक पर है और जुलाई के अंत तक देश के सभी युवाओं को वैक्सीन के पहली डोज़ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
यूके मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी की प्रमुख जून रैने ने कहा कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर वे अपने राय नहीं बदल रहे हैं, क्योंकि बेहद कम मामलों में ही वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं। बतां दें कि ब्रिटेन में 28 अप्रैल तक तकरीबन 2 करोड़ 80 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है और इनमें से केवल 242 मामलों में ही लो ब्लड प्लेटलेट लेवल या ब्लड क्लॉट के साइड इफेक्ट देखे गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लड क्लॉट की ये समस्या 18 से 93 साल की उम्र की 141 महिलाओं और 100 पुरुषों में देखे गए हैं और इसका ओवरऑल डेथ रेथ भी 20 प्रतिशत था, जिसमें 49 लोगों की मौत हो गई थी। दूसरी डोज़ लेने के बाद साइड इफेक्ट के सिर्फ 6 ही मामले सामने आए थे।
सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वह इस सलाह का पालन करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि एस्ट्राजेनेका एक सुरक्षित और प्रभावशाली वैक्सीन है। ये ब्रिटेन समेत कई देशों में हजारों लोगों की जान बचा चुकी है।