22 NOVFRIDAY2024 2:06:57 PM
Nari

बच्चे के कान छिदवाने को लेकर ना करें जल्दबाजी, पहले जान लें सही उम्र और तरीके

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 25 Sep, 2024 01:29 PM
बच्चे के कान छिदवाने को लेकर ना करें जल्दबाजी, पहले जान लें सही उम्र और तरीके

नारी डेस्क: कुछ माता-पिता जन्म के तुरंत बाद अपने बच्चे के कान छिदवा देते हैं, हालांकि कुछ इंतज़ार करते हैं जब तक कि उनका बच्चा थोड़ा बड़ा न हो जाए। बच्चों के कान छिदवाने की प्रक्रिया पारंपरिक रूप से और फैशन के रूप में भी की जाती है। यह एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है और इसके लिए सही समय, स्थान, और प्रक्रिया का ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि बच्चे को कम से कम दर्द और परेशानी हो। आइए जानते हैं बच्चों के कान छिदवाने से जुड़ी जरूरी बातें। 

PunjabKesari
कब छिदवाने चाहिए कान

बच्चों के कान छिदवाने का कोई निश्चित नियम नहीं है, लेकिन आमतौर पर इसे 3 महीने से 2 साल के बीच किया जाता है। यह समय इसलिए उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इस उम्र में बच्चों की स्किन में जल्दी हीलिंग की क्षमता होती है। जब भी कान छिदवाने का फैसला लें, सुनिश्चित करें कि बच्चा स्वस्थ हो और उसे कोई एलर्जी, इंफेक्शन या सर्दी-खांसी न हो। स्वस्थ बच्चे के लिए प्रक्रिया कम जोखिमपूर्ण होती है। यदि आपके बच्चे को किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा हो, तो कान छिदवाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

 

कहां छिदवाने चाहिए कान 

 बच्चों के कान छिदवाने के लिए हमेशा किसी अनुभवी और क्वालिफाइड प्रोफेशनल (डॉक्टर, नर्स, या प्रशिक्षित कान छिदवाने वाले) से ही यह काम कराएं। यह सलाह दी जाती है कि कान छिदवाने की प्रक्रिया किसी मेडिकल क्लीनिक या हॉस्पिटल में कराएं, क्योंकि वहां की स्वच्छता और प्रोफेशनल्स के पास सही उपकरण और अनुभव होते हैं। अगर आप ज्वेलरी शॉप में कान छिदवाने का सोच रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि वहां का स्टाफ प्रशिक्षित हो और वे साफ-सुथरे उपकरण का उपयोग कर रहे हों।

PunjabKesari

कैसे छिदवाने चाहिए कान

कान छिदवाने के दो सामान्य तरीके होते हैं सुई (needle) से या पियर्सिंग गन से। सुई से छिदवाने को अक्सर बेहतर माना जाता है क्योंकि यह प्रक्रिया धीमी और अधिक नियंत्रित होती है। पियर्सिंग गन से छिदवाना तेज़ होता है लेकिन उसमें कान पर अधिक प्रेशर पड़ सकता है। यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि कान छिदवाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी उपकरण स्टरलाइज्ड (साफ और संक्रमण मुक्त) हों ताकि इंफेक्शन का खतरा कम हो। छोटे बच्चों के कान छिदवाने से पहले डॉक्टर से अनैस्थेटिक क्रीम लगाने के बारे में पूछ सकते हैं, जिससे उन्हें दर्द कम हो।
   

छिदवाने के बाद देखभाल

कान छिदवाने के बाद कुछ हफ्तों तक कान को साफ रखना बेहद जरूरी होता है। दिन में 2-3 बार कान को एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन से साफ करें। कान को छूने से पहले अपने हाथ धोएं और कान में किसी भी तरह का सूजन, दर्द या लाली दिखे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। छिदवाने के बाद बालियों को बार-बार घुमाने की जरूरत नहीं होती, इससे घाव जल्दी भर सकता है।  कान छिदवाने के बाद कम से कम 6-8 हफ्ते तक उसी बालियों को पहनने दें ताकि छेद अच्छे से ठीक हो जाए। इसके बाद आप नई बालियां डाल सकते हैं।

PunjabKesari

बच्चों के लिए सही बाली का चुनाव

बच्चों के कान के लिए हमेशा हाइपोएलर्जेनिक (एलर्जी मुक्त) मटेरियल से बनी बालियां चुनें, जैसे कि सोना, चांदी या मेडिकल स्टील। बच्चों के कान के लिए छोटी और हल्की बालियां चुनें ताकि उनका कान ज़्यादा खिंचाव महसूस न करे। बच्चों के कान छिदवाने का निर्णय लेते समय सही समय, जगह और प्रोफेशनल का चुनाव करना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही कान छिदवाने के बाद सही देखभाल करने से इंफेक्शन के खतरे को कम किया जा सकता है।
 

Related News