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महिलाओं में Vaginal yeast infection: क्या आपको भी है यह समस्या, कैसे बढ़ता है इसका जोखिम?

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 19 Oct, 2024 01:15 PM
महिलाओं में Vaginal yeast infection: क्या आपको भी है यह समस्या, कैसे बढ़ता है इसका जोखिम?

नारी डेस्क : योनि यीस्ट संक्रमण, जिसे "Candidiasis infection" के रूप में जाना जाता है, एक स्वास्थ्य समस्या है जो महिलाओं में काफी तेजी से बड़ रही है। यीस्ट एक तरह का Fungus होता है। जब यह यीस्ट आपके शरीर में संतुलन मात्रा में होता है, तो कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन जब यीस्ट का संतुलन बिगड़ जाता है, तो यह तेजी से बढ़ता है, और आपको Yeast infection हो सकता है। योनि यीस्ट संक्रमण एक ऐसी स्थिति है जिसमें योनि सूज जाती है और दर्द होता है। इसके कई प्रकार हैं, प्रत्येक के लक्षण समान होते हैं लेकिन योनि यीस्ट संक्रमण एक गंभीर बीमारी है। चलिए, हम आपको बताते हैं कि योनि यीस्ट संक्रमण के लक्षण, कारण और उपचार।

योनि यीस्ट संक्रमण का कारण क्या हो सकते है?

एंटीबायोटिक्स का उपयोग

हमारे शरीर में बैक्टीरिया और यीस्ट एक संतुलन मात्रा में होते हैं। एंटीबायोटिक दवाएं आपके शरीर में बैक्टीरिया की मात्रा को कम करती हैं, जिससे कैंडिडा का बढ़ना आसान हो जाता है। एंटीबायोटिक्स का उपयोग करते समय, ये दवाएं केवल हानिकारक बैक्टीरिया को ही नहीं, बल्कि फायदेमंद बैक्टीरिया को भी मार देती हैं। इस संतुलन के बिगड़ने से कैंडिडा जैसी Yeast की वृद्धि uncontrolled हो जाती है, जिससे योनि में संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।

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हार्मोनल परिवर्तन

कोई भी चीज जो आपके हार्मोन के स्तर में परिवर्तन ला रही है, वह यीस्ट संक्रमण की संभावना को बढ़ा सकती है। इसमें गर्भावस्था, मासिक धर्म, या जन्म नियंत्रण पिल्स हार्मोन के स्तर में प्रभाव डाल सकती है। जिससे कैंडिडा का विकास बढ़ सकता है।

मधुमेह

उच्च रक्त शर्करा (High blood pressure) विशेषकर जब नियंत्रण में न हो, कैंडिडा के बढ़ने में मदद कर सकता है। इससे न केवल योनि में संक्रमण का खतरा बढ़ता है, बल्कि यह पूरे शरीर में भी विभिन्न प्रकार के संक्रमणों की संभावना को बढ़ा सकता है। मधुमेह वाले व्यक्तियों में प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो सकती है, जिससे शरीर की संक्रमणों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा, यदि मधुमेह का ठीक इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, जिससे बार-बार यीस्ट संक्रमण की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

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स्नान के बाद ठीक से न सूखना

योनि को सही तरीके से सूखने न देने से नमी बनी रहती है, जिससे यीस्ट का विकास होता है। अधिकतर समय, यह स्थिति तब होती है जब महिलाएं तंग कपड़े पहनती हैं, जैसे कि लेगिंग्स या सिंथेटिक अंडरवियर। इन कपड़ों में हवा का संचार कम होता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।

योनि यीस्ट संक्रमण के लक्षण क्या होते हैं?

1. योनि क्षेत्र में गंभीर खुजली का अनुभव हो सकता है।

2. विशेष रूप से योनि या बाहरी जननांगों में जलन महसूस हो सकती है।

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3. इंटरकोर्स के दौरान या पेशाब करते समय दर्द हो सकता है।

4. योनि से सफेद, क्रीम जैसा या दही जैसा डिस्चार्ज होता है, जो आमतौर पर बिना गंध वाला होता है।

5. प्रभावित क्षेत्र में सूजन, लालिमा या रैशेज हो सकते हैं।

6. सामान्य गतिविधियों, जैसे चलने या बैठने में असुविधा हो सकती है। ये लक्षण न केवल शारीरिक discomfort का कारण बनते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डाल सकते हैं।

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योनि यीस्ट संक्रमण से बचने के लिए ये उपाय अपनाएं:

1. गीले स्विमिंग सूट या गीले कपड़ों में ज़्यादा देर न रहें।

 2. टाइट पैंट या शॉर्ट्स न पहनें।

3. रेशम या नायलॉन से बने अंडरवियर न पहनें। कॉटन के अंडरवियर ही चुनें ताकि हवा का संचार हो सके।

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4. रोजाना सफाई करें, लेकिन अत्यधिक साबुन या इत्र वाले उत्पादों से बचें, क्योंकि ये जलन पैदा कर सकते हैं।

5. संतुलित आहार लें, जिसमें प्रोबायोटिक्स शामिल हों, जैसे दही, जो लाभकारी बैक्टीरिया को बढ़ा सकते हैं। अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि ये यीस्ट के विकास को बढ़ा सकते हैं।

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इन उपायों को अपनाने से यीस्ट संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है।






 

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