हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का पांचवा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। यह महीना श्रावण मास का होता है। भोलेनाथ को यह महीना बहुत ही प्रिय होता है। शिव जी के कृपा दृष्टि पाने के लिए भक्त इस महीने के लिए उपवास भी रखते हैं। मंदिरों में भी इस महीने में काफी भीड़ देखने को मिलती है। सावन में शिव जी की उपासना करने के लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं। इस महीने में कई चीजों को करने में मनाही बताई गई है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में...
मांस, मदिरापान का सेवन न करें
सावन में सिर्फ सात्विक भोजन का ही सेवन करें। इसके अलावा इस महीने में भूलकर भी मांस, मदिरापान का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शिव जी आप से नाराज हो सकते हैं। इस महीने में प्याज, लहसुन खाने पर भी मनाही बताई गई है। यह तामस्कि भोजन की श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा बैंगन का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
दिन में न सोएं
सावन के महीने में दिन में भी नहीं सोना चाहिए। इसके अलावा इस महीने में बिस्तर का त्याग करके जमीन पर सोना चाहिए। सिर्फ एक ही बार सोएं और अपना बाकी का समय में शिव की भक्ति में लगाएं।
शरीर पर न लगाएं तेल
सावन के महीने में शरीर में तेल भी नहीं लगाना चाहिए। इस महीने में तेल लगाना बहुत ही अशुभ माना जाता है। इसके अलावा आप इस महीने में तेल का दान कर सकते हैं। तेल का दान करना इस महीने में बहुत ही शुभ माना गया है।
दूध का त्याग करें
इस महीने में दूध का भी त्याग करना चाहिए, क्योंकि सावन के महीने में शिवलिंग पर दूध अर्पित किया जाता है। इसके अलावा कांसे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए।
ऐसे मिलेगा भगवान शिव का वरदान
भगवान शिव की अराधना का पूर्ण फल तभी मिलता है, जब व्यक्ति को अपने विचारों में सकरात्मकता रखते हैं। यदि आप शिव जी की कृपा पाना चाहते हैं तो किसी का भी अपमान न करें। दूसरों के प्रति कोई द्वेष की भावना भी न रखें। द्वार पर आए हुए गुरु, माता-पिता, जीवनसाथी, दोस्त किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें।