प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का मन आलू चिप्स, चाट, गोलगप्पे, डोसा, चटनी, अचार जैसी चीजें खाने को करता है। मेडिकल भाषा में इसे फूड या प्रेगनेंसी क्रेविंग कहा जाता है। ऐसा शरीर में आए हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। हालांकि प्रेगनेंसी में किसी भी चीज का सेवन सोच-समझकर करना चाहिए क्योंकि भ्रूण को नुकसान हो सकता है। वहीं हाल ही में शोध के मुताबिक, प्रेगनेंसी में आलू चिप्स खाने की क्रेविंग आपको डायबिटीज का मरीज बना सकती है।
आलू चिप्स क्रेविंग से डायबिटीज का खतरा
हाल ही में हुए एक अध्ययन में खुलाया किया है कि जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अधिक आलू या उससे बने चिप्स खाती हैं, उनमें मधुमेह की आंशका ज्यादा होती है, खासकर टाइप-2 डायबिटीज। प्रेगनेंसी में होने वाली मधुमेह को जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है, जो डिलीवरी के बाद टाइप-2 डायबिटीज में बदल जाती है।
इंसुलिन हॉर्मोन की कमी है कारण
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में इंसुलिन की कमी कमी के कारण डायबिटीज का खतरा रहता है। यह एक तरह का हार्मोन्स है, जिसके कम होने पर डायबिटीज की समस्या हो जाती है।
आलू से डायबिटीज का खतरा क्यों?
शोध के मुताबिक, आलू या इससे बने चिप्स का सेवन करने से खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। वहीं इससे इंसुलिन का स्तर भी कम हो जाता है इसलिए इस दौरान महिलाओं को आलू खाने से बचना चाहिए। इससे ना सिर्फ डायबिटीज का खतरा रहता है बल्कि भ्रूण का विकास भी रूक सकता है।
ज्यादा खाना भी हानिकारक
प्रेगनेंसी में कभी चटपटी इमली तो कभी मिठाइयां खाने का मन करता है लेकिन ज्यादा खाना भी सेहत के लिए सही नहीं है। अगर मन ललचाए तो हर चीज का स्वाद लें लेकिन ओवरवेट होने से बचें क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए हानिकारक है।
क्रेविंग होने पर पानी पीएं
पेट भरा होने पर भी फूड क्रेविंग हो तो 1 गिलास पानी पी लें। कई बार डिहाइड्रेशन की वजह से भी खाने की तीव्र इच्छा होती है। इसके अलावा फूड क्रेविंग से बचने के लिए आप हैल्दी ऑप्शन चुन सकती हैं जैसे सलाद, फ्रूट्स, नट्स आदि।
घर का बना खाना खाए
हमेशा कोशिश करें कि आप घर पर बनी चीजें ही खाएं क्योंकि बाहर का मसालेदार भोजन, जंक व प्रोसेस्ड फूड आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा सूप, अंकुरित अनाज, ड्राई फ्रूट, हरी सब्जियां, मौसमी फल, नारियल पानी, दूध आदि लें।