कोविड-19 वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने बुधवार टीकाकरण से जुड़ी एक अहम जानकारी सांझा की है। दरअसल, बायोटेक ने दावा किया है कि कोवैक्सिन टीका लगवाने के बाद किशोरों को पेरासिटामोल या दर्द निवारक दवा लेने की जरूरत नहीं। कंपनी का कहना है कि "पैरासिटामोल की सिफारिश कुछ अन्य कोविड -19 टीकों के साथ की गई थी लेकिन यह कोवैक्सिन के लिए अनुशंसित नहीं है"
"डॉक्टरी उपचार की जरूरत नहीं पड़ी"
हैदराबाद स्थित कंपनी ने कहा, "हमें फीडबैक मिला है कि कुछ टीकाकरण केंद्र बच्चों के लिए कोवैक्सिन के साथ 3 पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम टैबलेट लेने की सिफारिश कर रहे हैं। कोवैक्सिन टीकाकरण के बाद किसी भी पैरासिटामोल या दर्द निवारक की सिफारिश नहीं की जाती है।"
कोवैक्सीन के बाद नहीं पेनकिलर लेने की जरूरत
फर्म ने 30,000 व्यक्तियों में फैले अपने नैदानिक परीक्षणों के माध्यम से कहा, "लगभग 10-20% व्यक्तियों ने साइड इफेक्ट की सूचना दी। इनमें से अधिकतर लक्षण हल्के होते हैं जो 1-2 दिनों में ही ठीक हो जाते हैं और दवा की जरूरत नहीं होती। चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही दवा की सिफारिश की जाती है।" कंपनी ने कहा कि अगर सेहत ज्यादा खराब होती है तो डॉक्टर से संपर्क करें लेकिन मामलू लक्षण दिखने पर गोली लेने की जरूरत नहीं है।
1.25 करोड़ बच्चों का वैक्सीनेशन पूरा
गौरतलब है कि देशभर में 15-18 साल के बच्चों के लिए कोविड-19 का टीकाकरण 3 जनवरी से शुरू हो चुका है। बच्चों को कोवैक्सिन की पहली खुराक पिलाई जा रही है। अच्छी बात यह है कि देश में पहले तीन दिनों के दौरान 1.06 करोड़ से अधिक बच्चों को टीका लग चुका है, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। वहीं 1.40 करोड़ बच्चे वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। केंद्र सरकार के मुताबिक, देश में इस ऐज ग्रुप के 7.40 करोड़ बच्चे हैं, जिन्हें वैक्सीनेट किया जाना है।
बता दें पिछले ही महीने DCGI ने कुछ गाइडलाइन्स के साथ 12 से 18 साल के बच्चों को कोवैक्सीन लगाने की इमरजेंसी मंजूरी दे दी है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 15-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए अलग-अलग टीकाकरण केंद्र, सत्र स्थल, कतार और विभिन्न टीकाकरण दल उपलब्ध कराने की सलाह दी थी।