दृढ़ निश्चय हो तो कोई भी मुश्किल आपको आगे बढ़ने के नहीं रोक सकती। डॉ. प्रतिभा गर्ग की जिंदगी इस बात की सशक्त उदाहरण है। जीवन में कड़ी चुनौतियों के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। आज वो कई महिलाओं को सशक्त करके उनके लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं। एजुकेशन के क्षेत्र में मह्तवपूर्ण योगदान दे चुकीं डॉ. प्रतिभा का मानना है कि बच्चियों का शिक्षित होना राष्ट्र निर्माण के लिए बेहद जरूरी है। शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान मिल चुके हैं।
इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। नवंबर 2000 में उनकी शादी एक आर्मी अफसर से हुई लेकिन 2013 में उन्होंने पति को खो दिया। उस समय उनके दो छोटे बच्चे थे। इस घटना ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया लेकिन इसी समय उन्होंने हार न मानने का फैसला लिया। ऐसे ही जीवन बिताने के बजाय डॉ. प्रतिभा ने आर्मी वैल्फेयर एजुकेशन सोसाइटी के तहत चलने वाला टीचर ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट ज्वाइन कर लिया। इसके साथ ही बच्चों के साथ अकेले रहते हुए एजुकेशन के क्षेत्र में शोध का काम भी जारी रखा। पिछले साल दिसंबर 2021 में उन्होंने अपनी डॉक्टोरल डिग्री हासिल की है।
शिक्षा के क्षेत्र में कई शोध पत्र लिखने के अलावा ‘वैल्यू एजूकेशन’ नाम से एक किताब भी संपादित कर चुकी हैं। डॉ. प्रतिभा का मानना है कि यदि आप एक पुरुष को पढ़ाते हैं तो एक व्यक्ति को पढ़ाते हैं। यदि आप एक लड़की को शिक्षित करते हैं, तो पूरे नेशन को शिक्षित कर रहे होते हैं। इसी के मद्देनजर पिछले आठ साल से बच्चियों की शिक्षा पर भी फोकस कर रही हैं। देश सेवा के मकसद से एन.एस.एस से भी जुड़ी हुई हैं। मां दुर्गा को अपनी आराध्य मानने वाली डॉ. प्रतिभा कहती हैं कि यदि महिला कुछ करने की ठान ले, तो वह बहुत कुछ करने में सक्षम है।
महिलाओं की जिंदगी में भरी रौशनी