शनि देव को कर्मदाता कहा जाता है। वो लोगों को उनके कर्म के हिसाब से ही शुभ या अशुभ फल देते हैं। कहते हैं कि व्यक्ति यदि भूलवश भी कोई गलती कर दे तो वो शनि देव के दंड के विधान से बच नहीं पाता है। ये ही कारण है कि हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी कुंडली में शनि की स्थिति ठीक रहे और उसे शनि दोष से पीड़ित न होना पड़े। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बार शनि देव खुद भी अपनी पत्नी के हाथों श्राप के भागी बन चुके हैं। जी हां, सही सुना आपने।आइए आपको बताते हैं इसके बारे में..
शनि देव को दिया था पत्नी ने श्राप
पत्नी द्वारा दिए गए श्राप ने आजतक शनिदेव का पीछा नहीं छोड़ा है इसलिए वो सिर झुककर चलते हैं। जानते हैं शनि देव की पत्नी और इस पौराणिक कथा के बारे में। पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि देव श्री कृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे। वो अपना ज्यादातर समय श्रीकृष्ण जी की भक्ति में ही लगा देते थे। एक बार की बात है शनि देव की पत्नी को संतान प्राप्ति की इच्छा हुई। इसके लिए वो शनि देव के पास पहुंची। लेकिन शनि देव कृष्ण भक्ति में लीन थे। पत्नी के खूब कोशिशों के बाद भी शनि देव का ध्यान भंग करने में सफल नहीं हुईं। इसके बाद शनि देव की पत्नी को क्रोध आ गया और उन्होंने शनि देव को श्राप दे दिया। पत्नी ने कहा कि आज के बाद जिस व्यक्ति पर शनि देव की दृष्टि पड़ेगी वो तबाह हो जाएगा।
जब शनि देव ध्यान से जागे तो शनि देव को भूल का आभास हुआ और उन्होंने पत्नी को मानने की कोशिश की। इसके लिए शनि देव ने क्षमा भी मांगी। लेकिन शनि देव की पत्नी के पास श्राप को निष्फल करने से शक्ति नहीं थी। इसी घटना के बाद से शनि देव अपना सिर नीचे करके चलने लगे, ताकि उनकी द्दष्टि के चलते किसी का अकारण विनाश न हो जाए।