कोरोना वायरस माहामारी को लेकर अब तक यह कहा जा रहा था कि यह संक्रमण खांसने, छींकने और बातचीत करने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल रहा हैं। वहीं अब इसी बीच गुरुवार को केंद्र सरकार ने एक नई गाइडलाइन जारी की है जिसमें कहा गया है कि एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स से भी कोरोना वायरस फैल रहा है।
गाइडलाइंस के मुताबिक मुंह-नाक से निकलने वाली छींटें ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल के रूप में वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैल रहा हैं।
गाइडलाइंस के अनुसार, वेंटीलेशन और खुली जगहों पर इसका ज्यादा असर देखा गया है। इसलिए गाइडलाइंस में अस्पतालों और हेल्थ सेंटर से इस बात का भी ध्यान रखने को कहा गया है कि वैक्सीनेशन का काम अच्छी तरह से वेंटिलेटेड वाली जगहों पर ही किया जाए।
आपको बता दें कि लंबे समय से वैज्ञानिक भी इस बात का दावा करते आए हैं कि ड्रॉपलेट्स के जरिए कोरोना वायरस हवा में मौजूद रहता है जो दूसरे व्यक्तियों को भी संक्रमित कर देता है।
वायरस चेहरे के इन हिस्सों पर सबसे पहले करता है अटैक-
इससे पहले WHO ने भी कहा था कि मौजूदा साक्ष्य बताते हैं कि वायरस मुख्य रूप से उन लोगों के बीच फैलता है जो एक-दूसरे के नजदीकी संपर्क में रहते हैं, खासतौर से 1 मीटर या उससे भी कम की दूरी पर, जब कोई व्यक्ति वायरस से भरे इन ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल के संपर्क में आता है तो वो आंख, नाक और मुंह के जरिए संक्रमित हो सकता है।
खराब वेंटिलेटेड और भीड़भाड़ वाली बंद जगहों पर भी मौजुद होते हैं वायरस-
इतना ही नहीं जानकारी में यह भी सामने आया है कि ये वायरस खराब वेंटिलेटेड और भीड़भाड़ वाली बंद जगहों पर देर तक बैठने वाले लोगों में भी फैल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि,एयरोसोल हवा में बने रहते और लंबी दूरी तक फैल जाते हैं। केंद्र द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार भी यह माना गया है कि एयरोसोल हवा में 10 मीटर तक की दूरी तय कर सकते हैं।
घर के अंदर की साफ हवा है बेहद कारगार-
एक स्टडी के अनुसार यह सामने आया है कि घर के अंदर की साफ हवा ना सिर्फ महामारी से लड़ने में मदद करती है बल्कि ये फ्लू या फिर किसी भी श्वसन संक्रमण के फैलने के खतरे को भी कम करती है। इन कीटाणुओं और इनसे जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए इमारतों में वेंटिलेशन और फिल्ट्रेशन होना बहुत जरूरी है।
14 देशों के 39 वैज्ञानिकों ने इस बात पर दिया जोर-
वैज्ञानिकों का कहना है कि घर के अंदर की हवा साफ और किटाणुमुक्त होनी चाहिए। इतना ही नहीं 14 देशों के 39 वैज्ञानिकों ने इस बात को मान्यता देने की मांग की है कि घर के अंदर वेंटिलेशन सिस्टम में सुधार कर इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सकता है। वैज्ञानिकों ने WHO से हवा में फैलने वाले रोगाणुओं को रोकने के लिए इनडोर एयर क्वालिटी पर एक गाइडलाइन भी जारी करने को कहा है। साथ ही बिल्डिंग वेंटिलेशन स्टैंडर्ड में भी एयरफ्लो और फिल्ट्रेशन बढ़ाने की मांग की है।
घर में हवा को शुद्ध रखने के लिए इन बातों का रखें खास ध्यान-
-घर में वेंटिलेशन रखने के लिए पंखे को इस तरह से लगाने से बचें जिससे कि दूषित हवा सीधे तौर पर किसी ओर की तरफ जाए।
-किचन में एग्जॉस्ट फैन जरूर लगाए, अगर खिड़कियां और दरवाजे बंद हैं तो एग्जॉस्ट फैन चला कर रखें। इसके साथ ही एग्जॉस्ट फैन के साथ जाली जरूर लगवाएं।
ऑफिस में वेंटिलेशन के लिए इन बातों का रखें खास ध्यान-
- खिड़कियां और दरवाजें बंद करके AC न चलाएं चलाने, इससे संक्रमित हवा पूरे एरिया में फैल जाती है। इससे एक से दूसरे में संक्रमण का खतरा जाता है।
- AC चलाते समय ऑफिस की खिड़की या दरवाजों को थोड़ा खुला रखें ताकि ताजी हवा अंदर आ सके और वायरस के छोटे-छोटे कण हवा में घुलकर बाहर निकल सकें।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इन बातों का रखें ध्यान-
-पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों में हवा का क्रॉस होना जरूरी है, यानि कि बसों और ट्रेनों की खिड़कियां खुली होनी चाहिए।
- AC वाले बस या ट्रेन में वायु प्रवाह बेहतर करने के लिए एग्जॉस्ट सिस्टम जरूर चला कर रखें।