भारत एक ऐसा देश है जहां बहुत से चमत्कारी मंदिर और पूजनीय नदियां पाई जाती है। बात अगर नदियों की करें तो यहां पर गंगा, यमुना, कावेरी, नर्मदा आदि पवित्र नदियां बहती है। यह नदियां अलग-अलग स्थानों से गुजरती है। साथ ही इन्हें अलग-अगल नाम से जाना जाता है। भारत में बहने वाली इन नदियों को मां का दर्जा देकर पूजा जाता हैं। मान्यता है कि इन नदियों में स्नान करने से ही समस्त पाप दूर हो मुक्ति मिलती है। तो चलिए जानते इन पावन नदियों के बारे में...
गंगा नदी
गंगा नदी बहुत ही पवित्र नदी मानी जाती है। यह भारत की सबसे बड़ी नदियों में तीसरे नंबर पर आती है। बात इस नदी की लंबाई की करें तो यह करीब 2525 किलोमीटर तक फैली हुई है। मान्यता है कि इस नदी पर स्नान करने से ही पापों से मुक्ति मिल जाती हैं। यह पवित्र नदी हिमालय से निकल कर वाराणसी, प्रयाग और हरिद्वार से गुजरी हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। भारत में गंगा नदी को मां के रूप में पूजा जाता है। ऐसे में इसे मां गंगा, गंगा जी, गंगा मईया, देवी गंगा आदि नामों से भी जाना जाता है।
कावेरी नदी
कावेरी नदी ब्रह्मगिरि पर्वत से निकलकर कर्नाटक और तमिलनाडु से गुजरती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है। साउथ की सबसे मुख्य नदी होने पर इसे विशेषतौर पर पूजा जाता है। इस पवित्र नदी को "दक्षिण भारत की गंगा" के नाम से भी पुकारा जाता है। इसके साथ ही हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थान माना जाने वाला "तिरुचिरापल्ली" मंदिर भी कावेरी नदी के तट पर ही स्थित है। बात कावेरी नदी की लंबाई की करें तो यह करीब 800 किलोमीटर तक फैली हुई है।
यमुना नदी
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, यमुना नदी को श्रीकृष्ण की संगनी के रूप में माना जाता है। भारत के लोग इस नदी को मां का दर्जा देते हुए पूजते हैं। यह नदी यमुनोत्री से निकलकर दिल्ली, आगरा और इटावा से होते हुए प्रयागराज में जाकर गंगा नदी में मिलकर एक हो जाती है। भारत में इस नदी को "यमुना मैया" के नाम से भी पुकारा जाता है। इस नदी की लंबाई लगभग1376 किलोमीटर तक फैली हुई है।
नर्मदा नदी
नर्मदा भी भारत की पवित्र नदियों में से एक है। यह नदी महाकाल पर्वत के अमरकंटक स्थान से निकल कर पश्चिम दिशा की ओर बहती हुई खम्बात की खाड़ी में जाकर मिलती है। यह नदी मध्य प्रदेश और गुजरात में बहने के कारण इस शहर में नर्मदा नदी की भक्तों द्वारा विशेषतौर पर पूजा होती है। मान्यता है कि इस पावन नदी की परिक्रमा करने से सभी पाप दूर हो जाते हैं। साथ ही मृत्यु के पश्चात जन्म- मरण से छुटकारा मिल मोक्ष मिलता है। इस नदी को नर्मदा नदी के साथ "रेवा नदी" के नाम से और मां का दर्जा देकर पूजा जाता है। इसकी लंबाई लगभग 1312 किलोमीटर है।