बच्चे बाहर की चीजें खाने की अक्सर जिद्द करते हैं लेकिन जंक फूड खाने से कई तरह की बीमारियां उन्हें घेर सकती हैं। बच्चे जिस भी चीज का सेवन करते हैं लिवर उनको पचाने में अहम भूमिका निभाता है। अनहेल्दी खानपान से लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है जिसके कारण फैटी लिवर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। लिवर पर फैट जमा होने की स्थिति को ही फैटी लिवर कहा जाता है। इस समस्या के कारण बच्चे को कई अन्य रोग जैसे डायबिटीज भी हो सकती है। लेकिन बच्चों को यह समस्या क्यों होती है इसके लक्षण क्या है और आप कैसे उन्हें इस समस्या से बचा सकते हैं। आज आपको इसके बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं ...
फैटी लिवर के लक्षण
. थकान महसूस होना
. पीलिया होना
. सांस फूलना
. थोड़े सा काम करके बच्चे का थक जाना
. पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से की ओर लीवर में बैचेनी रहना
बीमारी का कारण
एक्सपर्ट्स की मानें तो फैटी लिवर से बच्चों का ग्रस्त होना सबसे बड़ी वजह उनका खान-पान है। छोटे बच्चे स्वीट ड्रिंक्स का सेवन करते हैं जिसमें फ्रक्टोज काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। रुटीन में फ्रकटोज का सेवन करने से उनके शरीर में वसा की मात्रा बढ़ती है। जिसके कारण फैटी लिवर की समस्या बढ़ सकती है।
फैटी लिवर की समस्या के जोखिम कारक
खासकर जो बच्चे मोटापे से ग्रस्त होते हैं उन्हें फैटी लिवर की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा जंक फूड खाने से समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा इन कारणों से भी बच्चे को फैटी लीवर की समस्या हो सकती है।
. पेट के निचले हिस्से में चर्बी बढ़ना
. प्री डायबिटीक होने पर
. डायबिटीज के कारण
. घर में किसी बड़े भाई या फिर माता-पिता को फैटी लिवर होना
कैसे करें बचाव?
यदि शुरुआत में बच्चे को लक्षणों पर गौर किया जाए तो बच्चे फैटी लिवर की समस्या से बच सकते हैं। कई मामलों में लिवर खुद ही इस रोग को खत्म कर देता है परंतु आप बच्चे की डेली रुटीन की आदतों में कुछ बदलाव लाकर उन्हें समस्या से बचाव कर सकते हैं। जैसे
. बच्चों को रोजाना व्यायाम करवाएं
. बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें
. वजन कंट्रोल में रखें
. संतुलित आहार का बच्चे को सेवन करवाएं
. न्यूट्रिशनलिस्ट की सलाह लें।
. बच्चों की डायबिटीज का स्तर कंट्रोल में रखें।