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मुंबई: सिद्धिविनायक मंदिर में लागू हुआ ड्रेस कोड, छोटे कपड़े पहनने पर पाबंदी

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 29 Jan, 2025 04:11 PM
मुंबई: सिद्धिविनायक मंदिर में लागू हुआ ड्रेस कोड, छोटे कपड़े पहनने पर पाबंदी

नारी डेस्क:मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक गणपति मंदिर में अगले हफ्ते से नया ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। अब से, मंदिर में छोटे स्कर्ट या शरीर को दिखाने वाले कपड़े पहनकर आने पर पाबंदी होगी। इस निर्णय को श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट (एसएसजीटीटी) ने मंगलवार को सार्वजनिक किया।

सलीके से कपड़े पहनने की आवश्यकता

मंदिर ट्रस्ट ने कहा कि भक्तों को शालीन कपड़े पहनने होंगे, जिसमें शरीर को ढकने वाले कपड़े शामिल हों। ट्रस्ट ने भारतीय पारंपरिक परिधान पहनने की सलाह दी है। इसके साथ ही, कटे-फटे ट्राउजर, छोटी स्कर्ट या शरीर के अन्य हिस्सों को दिखाने वाले कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। यह नियम मंदिर के प्रभादेवी इलाके में लागू होगा।

 

भक्तों की चिंताएं और ट्रस्ट का निर्णय

मंदिर में रोजाना हजारों श्रद्धालु पूजा करने आते हैं, और कई भक्तों ने पूजा के दौरान अनुशासन की कमी और अपमानजनक कपड़ों को लेकर चिंता जताई थी। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, मंदिर ट्रस्ट ने यह ड्रेस कोड लागू करने का फैसला लिया। ट्रस्ट का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता बनाए रखना है, ताकि सभी भक्त शांति से पूजा कर सकें।

कदम का उद्देश्य और महत्व

ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी भक्तों को मंदिर में आने पर शांति और सुविधा महसूस हो, साथ ही मंदिर परिसर की शालीनता भी बनी रहे। भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

पवित्रता बनाए रखने की कोशिश

मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि इस ड्रेस कोड का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखना है। धार्मिक स्थलों पर अनुशासन का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि सभी श्रद्धालु एक शांतिपूर्ण वातावरण में पूजा अर्चना कर सकें। इस तरह के नियम भक्तों को धार्मिक सम्मान और ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं।

संवेदनशील मुद्दे और मंदिर प्रशासन

यह कदम समाज के कुछ वर्गों में चर्चा का विषय बन सकता है, लेकिन मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह नियम मंदिर की धार्मिक भावना को बनाए रखने और श्रद्धालुओं की भलाई के लिए है। ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस ड्रेस कोड का पालन करें और मंदिर के वातावरण की शांति को बनाए रखने में सहयोग करें।

अधिकतम श्रद्धालुओं के लिए स्थान की उपलब्धता

मंदिर में प्रतिदिन हजारों भक्त आते हैं, और इस ड्रेस कोड से उम्मीद है कि अधिक संख्या में लोग बिना किसी असुविधा के पूजा कर सकेंगे। यह व्यवस्था मंदिर में आस्था और सम्मान को बढ़ावा देगी और एक संयमित वातावरण में पूजा की प्रक्रिया को सहज बनाएगी।
 
  

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