कोरोना काल में आई दूसरी लहर जहां थमने का नाम नहीं ले रही वहीं यह महामारी अब गर्भवती महिलाओं के साथ उनके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी घातक साबित हो रही हैं। ऐसे ही कई मामले उत्तराखंड में देखने को मिल रहे है।
दरअसल, उत्तराखंड के हरिद्वार में रहने वाली 23 सप्ताह की गर्भवती सबा हसन के गर्भ में दो जुड़वा बच्चे पल रहे थे। इसी बीच सबा कोरोना से संक्रमित पाई गईं। जिसके बाद उन्हें पहले हरिद्वार और फिर दून महिला हॉस्पिटल में इलाज चला, लेकिन सबा को बचाया नहीं जा सका। कोरोना से 4 मई को सबा की मौत हो गई। उनकी मौत पर सिर्फ परिजन ही नहीं ब्लकि पूरे अस्पताल का स्टाफ भी रो पड़ा था।
कोरोना के चलते, प्रेगनेंसी को कुछ समय के टाल रही हैं महिलाएं-
बतां दें कि उत्तराखंड में कोरोनावायरस के ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। राज्य में ये बीमारी गर्भवती महिलाओं के साथ गर्भस्थ शिशुओं के लिए भी मुसीबत बनती जा रही है। कोरोना संक्रमित महिलाओं को समय पूर्व प्रसव समेत कई दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। इतना ही नहीं कोरोना के डर से कई महिलाएं गर्भधारण करने की योजना को कुछ समय के लिए टाल रही हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर गर्भवती कोरोना संक्रमित है, तो कुछ एहतियात बरतकर परेशानियों से बचा जा सकता है।
कोरोना संक्रमित महिलाओं में देखी जा रही हैं ये गंभीर समस्या
कोरोना संक्रमित महिलाओं में समय से पहले डिलीवरी के साथ ही रक्तस्राव और गर्भपात की गंभीर समस्या देखने को मिल रही है। वहीं राहत की खबर यह भी कि गायनोलॉजिस्ट की देखरेख में ज्यादातर गर्भवती महिलाओं का समय पर इलाज कर उनके साथ-साथ गर्भस्थ शिशु की जिंदगी को भी बचा लिया जा रहा है।
कोरोना पॉजिटिव होने पर घबराएं नहीं
गायनोलॉजिस्ट के अनुसार, कोरोना संक्रमित कई महिलाओं में समय से पूर्व प्रसव की शिकायतें देखने को मिल रही हैं। इससे नवजातों को नियोनेटल केयर यूनिट में रखना पड़ रहा है। कई महिलाओं में रक्तस्राव की भी समस्या देखने को मिल रही है। हालांकि गर्भवती महिलाएं कोरोना पॉजिटिव होने पर ज्यादा घबराएं नहीं। इसके लिए जरूरी है कि कोरोना के लक्षण दिखते ही महिलाएं फौनर RT-PCR टेस्ट कराएं। गर्भवती महिलाओं को आम लोगों की अपेक्षा कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसे में वे ज्यादा सावधानी बरतें। एक के बजाय डबल मास्क का प्रयोग करें।
जानें कोरोना से खुद को कैसे सुरक्षित रख सकती हैं गर्भवती महिलाएं
- प्रेग्नेंसी के दौरान खान-पान के रूटीन का पालन करें। डाइट में विटामिन- C को जरूरी शामिल करें। तेल, घी और मसालेदार खाने से परहेज करें।
-बुखार होने पर या कोरोना के लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पैरासिटामोल, विटामिन सी, फोलिक एसिड, जिंकोविट और बी कॉम्प्लेक्स दवा जरूर रखें।
-प्रेग्नेंसी के दौरान कोशिश करें कि हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें।
अगर गर्भवती महिला संक्रमित होती हैं तब क्या करें?
-कोरोना संक्रमित होने पर सामान्य नियमों का पालन करना होगा, महिलाएं सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें, काढ़ा और भांप भी लेते रहें। पल्स ऑक्सीमीटर रखें और ऑक्सीजन लेवल जांचते रहें।
-किसी भी तरह का तनाव नहीं लें और माहौल को खुशनुमा रखें।
भूख न लगने पर क्या करें?
-अगर घर में कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव है तो उसे गर्भवती महिला के संपर्क में न आने दें।
-अगर भूख नहीं लगती है तो सप्लीमेंट गोलियां लें और प्रोटीन पाउडर दूध में मिलाकर पिएं।
- नारियल पानी पिएं, इससे इम्यून सिस्टम अच्छा रहता है। डिहाइड्रेशन हो तो तुरंत ओआरएस लें और एक-दो घंटे में थोड़ा-थोड़ा फलों का जूस भी लेते रहें।