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इंटरकोर्स के बाद महिला को दर्द होने के 10 कारण

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 24 Sep, 2024 08:47 PM
इंटरकोर्स के बाद महिला को दर्द होने के 10 कारण

नारी डेस्कः कपल के बीच प्यार के साथ आपसी संबंध, रिश्ते को और भी मजबूती देता है लेकिन आपने कई बार महिलाओं को यह कहते सुना होगा कि उन्हें इंटरकोर्स के दौरान, पहले या बाद में दर्द होता है। इसे डिस्पेर्यूनिया (Dyspareunia) कहते हैं। एक अनुमान के अनुसार, 4 में से 3 महिलाएं जीवन में किसी न किसी समय दर्दनाक संभोग (Intercourse) का सामना करती है।  महिला के प्राइवेट पार्ट, गर्भाशय या निचले हिस्से के अंदर दर्द महसूस होता है। ऐसा होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। वैसे योनि व पेट में हलका दर्द, एक या दो दिन रह सकता है लेकिन अगर यह समस्या ज्यादा दिन रहे और दर्द असहनीय हो तो इसके पीछे वजह कुछ और भी हो सकती हैं चलिए आपको बताते हैं ऐसा किन कारणों के चलते हो सकता है। 

वैजाइनल यीस्ट इंफेक्शन (Vaginal Yeast Infection)

अगर महिला को वैजाइनल यीस्ट संक्रमण और मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) है तो इससे योनि में सूजन पैदा हो सकती है, जिसे वैजिनाइटिस भी कहा जाता है। जब योनि में सूजन होती है तो इंटरकोर्स के दौरान घर्षण से अतिरिक्त दर्द या जलन हो सकती है। यीस्ट संक्रमण के कारण कैंडिडा यीस्ट से खुजली, गाढ़ा सफेद डिस्चार्ज और यूरिन पास करते समय दर्द हो सकता है।

योनि का सूखापन

योनि में सूखापन रहना भी संबंधों को दर्द भरा बना सकता है। सूखापन हार्मोंनल चेंजेस की वजह से हो सकता है। जिस महिला ने हाल ही में  बच्चे को जन्म दिया है या स्तनपान करा रही हैं, तो हार्मोनल परिवर्तन, महिला के शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा को कम कर सकते हैं और योनि में सूखापन पैदा कर सकते हैं, जिससे संभोग दर्दनाक हो सकता है।

एलर्जी के चलते दर्द 

अनचाही प्रेग्नेसी रोकने के लिए अपनाए जाने वाले प्रिकॉशन के चलते भी एलर्जी हो सकती है जिससे खुजली, जलन और दर्द की समस्या हो सकती है। लेटेक्स एलर्जी से होने वाले दर्द से बचने के लिए, आप पॉलीयूरेथेन कं-डोम या प्राकृतिक प्रिकॉशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, ये एस.टी.आई से सुरक्षा नहीं देते हैं। कुछ महिलाओं को वीर्य से भी एलर्जी होती है, हालांकि ऐसा होना दुर्लभ है। मानव वीर्य प्लाज्मा (HSP) अतिसंवेदनशीलता मूल रूप से वीर्य एलर्जी है जो शुक्राणु में पाए जाने वाले प्रोटीन की प्रतिक्रिया में योनि में सूजन और दर्द पैदा कर सकती है।

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प्राइवेट पार्ट पर किसी तरह की चोट

जननांगों पर कोई चोट लगी है तो भी इंटरकोर्स दर्दनाक हो सकता है। प्रसव के दौरान, योनि में चीरा लगने या एपिसियोटॉमी (योनि और गुदा के बीच की जगह में चीरा लगाना) से संभोग के दौरान दर्द हो सकता है, खासकर तब जब आप अभी भी ठीक हो रहे हों। प्रसव के दौरान संबंद बनाने की जल्दबाजी तब तक ना करें जब तक आपका डॉक्टर सलाह नहीं देता। 

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झुका हुआ गर्भाशय

रेट्रोवर्टेड गर्भाशय, अर्थात आगे की बजाय पीछे की ओर झुका हुआ गर्भाशय, भी इंटरकोर्स को दर्द भरा बना देता है।जब गर्भाशय पीछे की ओर झुकता है, तो गर्भाशय ग्रीवा योनि नली के करीब आ जाती है, जिससे संबंध के दौरान गर्भाशय ग्रीवा को छूना आसान हो जाता है। झुके हुए गर्भाशय का मतलब यह भी नहीं है कि संभोग दर्दनाक ही होगा। पार्टनर के साथ बातचीत कर आप उन्हें बता सकते हैं कि आपको क्या अच्छा लगता है। उदाहरण के लिए, उन स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करें जो प्रवेश की अनुमति देती हैं और गहरे प्रवेश से बचने से आपको दर्द से बचने में मदद मिल सकती है।

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यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई)

क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) योनि में सूजन पैदा करते हैं, जिससे प्रवेशात्मक इंटरकोर्स दर्दनाक या जलनपूर्ण हो सकता है। यूरिन पास करते हुए भी असामान्य स्राव या जलन हो सकती हैं। ऐसा है तो डाक्टरी सलाह पर दवाई और इलाज करवाएं। 

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श्रोणि सूजन बीमारी

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी),  महिला प्रजनन अंगों का एक संक्रमण है जो अक्सर अनुपचारित गोनोरिया या क्लैमाइडिया के कारण होता है।
पीआईडी ​​के कई कारण हो सकते हैं जैसे ः पैल्विक दर्द
बांझपन, फैलोपियन ट्यूब को नुकसान
बुखार-ठंड कमजोरी महसूस होना
इंटरकोर्स के दौरान या मासिक धर्म के बीच रक्तस्राव
यूरिन करते समय दर्द होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द
आपको अगर संदेह है कि पीआईडी के शिकार है तो  पीआईडी ​​का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है इसलिए डाक्टरी जांच जरूर करवाएं। 

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)

एंडोमेट्रियोसिस के कारण भी ऐसा हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की परत के समान ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ता है, जो अंडाशय, गर्भाशय ग्रीवा, फैलोपियन ट्यूब और मूत्राशय पर या उसके आसपास सूजन पैदा कर सकता है। एंडोमेट्रियोसिस के अन्य लक्षणों में शामिल हैं: पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन
दर्दनाक मासिक धर्म ऐंठन, अनियमित ब्लीडिंग
बांझपन व पाचन संबंधी समस्याएं

नोटः अगर ऐसा हर बार ही महसूस हो रहा है तो अपने चिकित्सक से जांच और परामर्श लेना बहुत जरूरी है ताकि समस्या की सही वजह पता चल सकें। 

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