नई दिल्ली: भारत सरकार ने निमेसुलाइड और पैरासिटामोल, डिसपर्सिबल टैबलेट्स, क्लोफेनिरेमाइन मेलिएट और कोडीन सिरप सहित 14 एफडीसी दवाओं पर रोक लगा दी है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि 14 फिक्स डोज कॉन्बिनेशन ऐसे हैं जिनसे कोई फायदा नहीं होता है लिहाजा टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सलाह के आधार पर इन्हें बैन किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय का तर्क है की फिक्स्ड डोज कांबिनेशन से होने वाले नुकसान के बारे में भी अंदेशा नहीं हो पाता और इसमें साइड-इफेक्ट्स होने के चांस भी ज्यादा हो सकते हैं।
इन दवाओं पर लगी पांबदी
प्रतिबंधित दवाओं में सामान्य संक्रमण, खांसी और बुखार के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली मिश्रित दवाएं शामिल हैं। इनमें निमेसुलाइड व पेरासिटामोल की घुलनशील गोलियां, क्लोफेनिरामाइन मैलेट + कोडीन सीरप, फोलकोडाइन + प्रोमेथाज़िन, एमोक्सिसिलिन + ब्रोमहेक्सिन और ब्रोमहेक्सिन + डेक्सट्रोमेथोर्फन + अमोनियम क्लोराइड + मेन्थॉल, पैरासिटामोल + ब्रोमहेक्सिन+ फिनाइलफ्राइन + क्लोरफेनिरामाइन + गुइफेनेसिन और सालबुटामोल + ब्रोमहेक्सिन के नाम हैं।
सरकार ने 2016 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के सुझाव पर 344 मिश्रण वाली दवाओं के निर्माण, वितरण और बिक्री पर रोक लगाने की घोषणा की थी। सरकार के आदेश में कहा गया था कि इन दवाओं को बिना किसी वैज्ञानिक आंकड़ों के मरीजों को बेचा जाता था। तब दवा निर्माताओं ने सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मौजूदा प्रतिबंधित 14 दवाएं उन्हीं 344 दवाओं का हिस्सा है।