कोरोना काल के चलते साल 2020 हर किसी के लिए एक बुरा याद बन चुका है, जिसका सामना कोई भी दोबारा नहीं करना चाहेगा। पूरी दुनिया में तबाही मचा चुके कोरोना वायरस को सालभर हो चुका है लेकिन यह बीमारी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। वहीं, अगर बात दूसरी हैल्थ प्रॉब्लम्स की करें तो इस साल लोगों को फेफड़ों और दिल की बीमारियों का भी सामना पड़ा। यहां हम आपको कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो साल 2020 में लोगों की परेशानी का कारण बनी रही।
कोरोना वायरस
चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस दुनियाभर के कई शहरों में तबाही मचा चुका है। जनवरी महीने में भारत में कोरोना का पहला केस सामने आया था जिसके बाद इसने तेजी से अपनी रफ्तार पकड़ी। सालभर से दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना को लेकर शोध कर रहे हैं लेकिन फिर भी इसे पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं। यहां तक कि कोरोना कि वैक्सीन भी अभी तक नहीं बन पाई है। हालांकि रूस और चीन के साथ कई वैक्सीन को एमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है।
लंग्स से जुड़ी दिक्कतें
कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर लंग्स यानि फेफड़ों पर पड़ता है, जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां होती है। यहीं नहीं, कोरोना से रिकवरी के बाद भी लंग्स डिसीज ने लोगों का पीछा नहीं छोड़ा। यहां तक कि कोरोना फेफड़ों को इस कद्र खराब कर देता है कि कुछ लोगों में फेफड़ों का वेंटिलेशन और गैस एक्सचेंज फंक्शन तक काम करना बंद कर देता है।
हार्ट अटैक के भी बढ़े मामले
रिसर्च के अनुसार, साल 2020 में हार्ट के मामले भी पहले के मुकाबले काफी बढ़ गए। WHO द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 20 सालों के मुकाबले इस साल हार्ट अटैक के कारण वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा मौतें हुई। आंकड़ों के मुताबिक, 16% मौतों का कारण दिल की बीमारी थी।
डिप्रेशन और अवसाद
कोरोना की ही वजह से लोगों में तनाव, डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी बीमारियां भी उभर कर आईं। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से कई लोग 4-4 महीने अकेले फंसे रहे, जिसकी वजह से वो डिप्रेशन के घेरे में आए। यहां तक कि साल 2020 में आत्महत्या के भी सबसे ज्यादा मामले सामने आए, जिसकी वजह कहीं ना कहीं डिप्रेशन ही था।
अल्जाइमर और डिमेंशिया
अल्जाइमर और डिमेंशिया भी इस लिस्ट में शामिल है, जो साल 2020 में दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौत का कारण बनी। ज्यादातर महिलाएं इसकी चपेट में रहीं। वहीं, इनके कारण होने वाली मौतों में भी 65% महिलाएं ही थीय़
डेंगू
कोरोना के साथ-साथ देश में डेंगू का कहर भी काफी देखने को मिला। भारत में डेंगू के 70 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। डेंगू बुखार 'एडीस' नाम के मादा मच्छर के काटने से होता है, जिसका इलाज अगर समय पर ना किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
अगर साल 2021 में आप इन बीमारियों का दोबारा सामना नहीं करना चाहते तो इसके लिए आपको अभी से सबक लेना जरूरी है।