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कनिका टेकरीवाल के आगे हारा कैंसर, बीमारी से लड़ते- लड़ते खड़ी कर दी सबसे बड़ी प्राइवेट जेट कंपनी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 18 Dec, 2021 04:13 PM
कनिका टेकरीवाल के आगे हारा कैंसर, बीमारी से  लड़ते- लड़ते खड़ी कर दी सबसे बड़ी प्राइवेट जेट कंपनी

सपनों की उड़ान जितनी बड़ी होती है, उतना ही कठिन होता है उसको पाना। सपने देखना ताे आसान है लेकिन इसे पूरा करने के लिए खुद को खोना पड़ता है।  कनिका टेकरीवाल ने भी अपने सपने को पूरा करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार ना मानकर नई  परिभाषा लिख दी। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़कर इस लड़की ने लोगों को जीने का एक नया तरीका सिखाया। 

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 17 साल की उम्र में की थी नौकरी 

हम बात कर रहे हैं जेटसेटगो की सीईओ और फाउंडर कनिका टेकरीवाल की।  जेटसेटगो दिल्ली स्थित प्राइवेट जेट कॉन्सिएर्ज सर्विस कंपनी है, जिसके जरिए लोग आसानी से प्राइवेट एयरक्रॉफ्ट, हेलिकॉप्टर और एयर एंबुलेंस की ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। कनिका ने 17 साल की उम्र में एक नामी जेट कंपनी में नौकरी शुरू की थी और आज वह खुद एक कंपनी चला रही है। 

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पॉवरफुल लेडीज की लिस्ट में बनाई जगह

 फोर्ब्स और बीबीसी की लिस्ट में कनिका दुनिया की 100 पॉवरफुल लेडीज की लिस्ट में जगह बना चुकी हैं।  इसके साथ ही वह भारत सरकार की ओर से ईकॉमर्स के लिए नेशनल एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड से भी सम्मानित हो चुकी है, लेकिन जो लोग यह साेचते हैं कि  कनिका की जिंदगी बहुत आसान है वह गलत हैं। क्योंकि 22 साल उम्र में वह कैंसर का शिकार हो गई थी पर वह टूटी नहीं इससे लड़ती रही। 


कैंसर से नहीं मानी हार 

 कई बड़े डॉक्टरों ने उनके इलाज से जवाब दे दिया। कनिका की बिल पॉवर मजबूत थी, उसने हार नहीं मानी। एक साल के इलाज में कनिका को कई कीमोथैरेपी करानी पड़ी,  पर उसके जज्बे के आगे कैंसर ने भी हार मान ली। कनिका का कहना है कि आपका सबसे बड़ा डर मृत्यु है, लेकिन जब आप उस मृत्यु को पास से अनुभव कर लेते हैं तो वह डर आपके अंदर से खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि मैंने कैंसर को हराने की ठान ली और इसमें कामयाब भी हुई। इसके बाद मुझे अपने ऊपर पहले से ज्यादा भरोसा हो गया। 

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कंपनी का टर्नओवर 150 करोड़ 

जेटसेटगो की सीईओ ने महज 17 साल की उम्र में अपनी कंपनी बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी। आज कनिका की कंपनी का टर्नओवर 150 करोड़ रुपये है। जेटसेटगो इस साल अगस्त में किसी एयरक्राफ्ट को सीधे इंपोर्ट करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। इनकी कंपनी  बिजनेस ट्रिप से लेकर बर्थडे पार्टी के लिए जेट या हेलिकॉप्टर Provide करवाती है। उनका मानना है कि कस्टमरों को मजबूरी में ऐसे चार्टड प्लेन लेने पड़ते हैं, जिसमें ब्रोकर्स की मनमानी चलती है। इसे जेटसेटगो ने पूरी तरह से खत्म कर दिया है।

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ग्राहकों को दी सुविधा 

यदि किसी ग्राहक को प्राइवेट जेट का उपयोग करना होता है तो वह सामान्यतः आनलाइन वेबसाइट्स की मदद से या फिर किसी के माध्यम से ब्रोकर अथवा एयरक्रॉफ्ट ऑपरेटर से संपर्क करता है। ये ब्रोकर्स ग्राहक को महंगे जेट या हेलीकॉप्टर्स देते हैं जिनमें इनका कमीशन सबसे ज्यादा होता है । ग्राहक के लिए ये काफी महंगा सौदा पड़ता है। कनिका टेकरीवाल ने ग्राहकों की इस समस्या को दूर करने का निश्चय किया और ग्राहकों को प्राइवेट जेट विमान काफी सस्ते में मुहैया कराना शुरू किया। 
 

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