देश में ओमीक्रोन स्वरूप के दो मामलों की पुष्टि के एक दिन बाद केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि टीकाकरण की तेज रफ्तार और डेल्टा स्वरूप के व्यापक प्रसार के कारण इस नए स्वरूप का असर कम रहने का अंदाजा है। वहीं, हाल ही में हुए एक शोध में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। दरअसल, लेटेस्ट रिसर्च का कहना है कि यह वेरिएंट ने किसी अन्य वायरस के जेनेटिक मेटेरियल से मिलकर खुद को म्यूटेशन कर लिया है।
ओमिक्रोन ने खुद को सर्दी-जुकाम जैसे वायरस में बदला
शोधकर्ताओं के अनुसार, ओमिक्रोन ने सामान्य जुकाम वायरस से मिलकर म्यूटेशन किया होगा क्योंकि यह कोरोना के किसी पुराने जेनेटिक सीक्वेंस से मेल नहीं खाता। मगर, यह कई अन्य वायरस में मिलता है, जिनमें से एक सामान्य सर्दी-जुकाम भी है। यह ह्यूमन जीनोम में भी पाया जाता है।
आसानी से फैल सकता है वायरस
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस स्थिति में यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल सकता है। यही नहीं, हल्के या बिना लक्षण वाले लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
शोधकर्ता सुंदरराजन और उनके साथियों का कहना है कि ऐसा जेनेटिक सीक्वेंस सर्दी का कारण बनने वाले एक कोरोना वायरस में भी दिखता है, जिसे एचसीओवी- 229ई कहा जाता है। बता दें कि ओमिक्रोन वायरस पहले SARS-CoV-2 (कोरोना वायरस) और अन्य वायरस से संक्रमित दोनों रोगजनक व्यक्ति में पाया गया था।
ओमिक्रोन वायरस के लक्षण
दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर्स का कहना है कि इससे संक्रमित मरीजों में गंभीर सिरदर्द, चक्कर आना और हाई पल्स रेट जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं। इनमें स्मैल या स्वाद ना आने जैसी अभी तक कोई शिकायत सामने नहीं आई। वहीं, दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले इस वेरिएंट की पहचान करने वाली डॉ. एंजेलीके कोएट्जी के मुताबिक, इसमें थकान, सिरदर्द, पूरे शरीर में तेज दर्द गला छिलने जैसी दिक्कतें भी सामने आ सकती हैं।
फ्लू के क्या लक्षण होते हैं
-अचानक बुखार और पूरे शरीर में दर्द
-थकावट महसूस करना
-गला सूखना
-सिरदर्द
-नींद ना आना
-भूख ना लगना
-पेट में दर्द या डायरिया
कोल्ड के क्या लक्षण होते हैं
-नाक बंद या जुकाम होना, कफ
-गला सूखना
-सिरदर्द
-मांसपेशियों में दर्द
-शरीर का तापमान बढ़ना
-चेहरे और कानों में दबाव
-खाने का स्वाद ना लगना
अगर कोरोना जैसे लक्षण दिखे तो एक बार आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूर करावा लें क्योंकि सावधानी में ही सुरक्षा है। बता दें कि सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में ही कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट पाया गया था। इसके बाद अब यह करीब 38 देशों तक पहुंच चुका है, जिसमें भारत भी शामिल है। हालांकि, अभी तक इससे मरीजों की मौत का कोई मामला दर्ज नहीं किय गया है।