देश में अब 7 से 11 वर्ष के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगने का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोविड-19 रोधी टीके कोवोवैक्स को कुछ शर्तों के साथ सात से 11 साल के बच्चों में सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी। इस खबर के सामने आने के बाद पेरेंट्स ने राहत भरी सांस ली।
डीसीजीआई की मंजूरी पिछले सप्ताह कोविड संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) द्वारा सात से 11 वर्ष के आयु वर्ग के लिए कोवोवैक्स टीके को आपातकालीन उपयोग की अनुमति देने की सिफारिश किए जाने के बाद आई है। विशेषज्ञ समिति ने सात से 11 वर्ष आयुवर्ग के लिए कोवोवैक्स के आपातकालीन उपयोग की मांग करने वाले एसआईआई के आवेदन के बाद अधिक आंकड़े उपलब्ध कराने को कहा था।
वैक्सीन लगवाने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
-अगर बच्चे को कोई एलर्जी या गंभीर बीमारी है तो उसे टीका लगवाने से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।
-वैक्सीन से पहले इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे ने रातभर अच्छी नींद ली हो, एक्सरसाइज और हेल्दी खाना खाया हो।
-वैक्सीन लगने के बाद बुखार, सुई लगने वाली जगह पर सूजन या दर्द और मांसपेशियों में दर्द होना आम बात है।
-अगर बच्चे में एलर्जी के गंभीर लक्षण दिख रहे हैं और दो से तीन दिन से बुखार नहीं उतर रहा है, तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
डीसीजीआई ने 28 दिसंबर को वयस्कों में आपातकालीन स्थितियों में सीमित उपयोग के लिए कोवोवैक्स को मंजूरी दी थी और नौ मार्च को कुछ शर्तों के साथ 12 से 17 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए मंजूरी दी थी। भारत ने 16 मार्च को 12-14 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया। देश भर में टीकाकरण अभियान पिछले साल 16 जनवरी को शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था। अग्रिम पंक्ति के कर्मियों का टीकाकरण पिछले साल दो फरवरी से शुरू हुआ था।