स्टीम बाथ और सन बाथ के बारे में तो आपने काफी सुना ही होगा लेकिन क्या आपने कभी सैंड बाथ के बारे में सुना है? जी हां सैंड बाथ। इसके लिए रेत का इस्तेमाल किया जाता है। रेतीले स्थानों पर यह बाथ लेना काफी आसान होता है। वैसे हमारा इतिहास देखा जाए तो सौंदर्य के लिए प्राचीन समय में रेत से स्नान किया जाता था। सैंड बाथ लेने से खूबसूरती ही नही बल्कि अच्छी सेहत भी मिलती है। आईए जानते है इससे होने वाले फायदों के बारे में।
सैंड बाथ लेने का तरीका
सबसे पहले शुद्ध और साफ मिट्टी को कपड़े से छान लें। अब पूरे शरीर को हल्के हाथों से मिट्टी के साथ रगड़ें। इसके बाद 15-20 मिनट तक धूप में बैठ जाएं और फिर ठंडे पानी से नहा लें।
कैसे काम करता है सैंड बाथ ?
जब आप रेत के ढ़ेर में 1 या 1/2 घंटे के लिए दबकर बेठेंगे तो इससे आपको आराम मिलेगा और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल जाएंगे। इसके अलावा रेत में बहुत सारे गुण पाए जाते हैं जो शरीर में मौजूद क्षारीय को खींच लेती है और शरीर में खनिजों को पूरा करती है।
स्किन प्राॅब्लम्स
जिन लोगों को त्वचा रोग से जुड़ी समस्याएं होती हैं उनके लिए यह बाथ बहुत फायदेमंद होता है। खाज, खुजली, सूजन, दाद, सफेद दाग, उपदंश के घाव आदि इन पर गर्म रेत की पट्टी लगाने से राहत मिलती है। सैंड बाथ फोड़े-फुंसीयों से राहत देता है।
कब्ज
पेट में गर्म मिट्टी की पट्टी लगाने से फायदा मिलता है। इससे कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है।
शरीर के घाव
सैंड बाथ लेने से कान, दांत, आंख के दर्द, प्रसव पीड़ा, आग से जलना, एक्सीडेंट की वजह से शरीर में लगे चोट के निशान चले जाते है। आयुर्वेद के अनुसार किसी भी तरह की समस्या में मिट्टी के उपायों से अधिक और जल्दी राहत मिलती है। घाव पर मिट्टी की पट्टी बार-बार लगाने से फायदा मिलता है।
ब्लड सर्कुलेशन
रेत गर्म होती है और इसकी गर्मी से शरीर का तापमान एकदम से बढ़ जाता है जिससे ब्लड सर्कुलशन भी बढ़ जाता है और शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन स्तर भी मैंटेन रहता है। इसका असर शरीर में काफी समय तक रहता है।