यूरिक एसिड की समस्या असल में खराब प्रोटीन मेटाबोलिज्म की वजह से होती है। ये तब होता है जब आपका शरीर प्यूरिन पचाने में असमर्थ रहता है, पर परेशान करने वाली बात यह है कि प्यूरीन शरीर में स्वाभाविक रुप से उत्पन्न होने वाले पदार्थ हैं और कुछ पेय पदार्थों में हमेशा पाया जाता है। ये प्यूरिन आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ाता है जो कि क्रिस्टल बना सकता है और आपके जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनता है। इससे गाउट की समस्या होती है। ऐसे में अपने आहार को बदलने से गाउट के लक्षणों को नियंत्रित करने और गाउट के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। तो, ऐसा ही एक फल है केला जो कि यूरिक एसिड के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
यूरिक एसिड में केला खाना चाहिए या नहीं
केला बहुत कम प्यूरिन वाला फूड है। वे विटामिन सी का भी एक अच्छा स्त्रोत है जो कि शरीर के एल्काइल नेचर को बढ़ाकर यूरिक एसिड के क्रिस्टल को पिघला सकते हैं। यानी जो प्यूरिन आपके जोड़ों में जमा हो जाते हैं और दर्द और सूजन पैदा करते हैं, केला उसे शरीर से डिटॉक्स करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा इसका सिट्रिक एसिड बॉडी में यूरिक एसिड की समस्या को कम करने में मदद करता है।
यूरिक एसिड में केला कब खाएं और कैसे खाएं
यूरिक एसिड में आपको 2 केला दोपहर के बाद खाना है। आपको इसमें काला नमक लगाकर खाना है। रेगुलर कुछ दिनों तक ये करने से आपको इसका फायदा नजर आएगा।
यूरिक एसिड में केला खाने के फायदे
यूरिक एसिड की समस्या में केला का सेवन काफी फायदेमंद है। ये फाइबर से भरपूर है जो कि शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज करता है। ये रफेज भी है जो कि प्यूरिन के कणों को अपने साथ बांध कर मल के साथ शरीर से बाहर निकाल सकता है। साथ ही पाचन क्रिया को इतना तेज कर देता है कि शरीर हर चीज को आसानी से पचा लेता है।