
व्यस्त लाइफस्टाइल के कारण वर्किंग पेरेंट्स अपने बच्चों को बिल्कुल भी समय नहीं दे पाते हैं जिसके कारण वह चिड़चिड़े स्वभाव के हो जाते हैं। चिड़चिड़े स्वभाव के कारण वह छोटी से छोटी बात पर गुस्सा होने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स कई बार गुस्से में आकर बच्चों की पिटाई भी कर देते हैं लेकिन आप बच्चों को पिटने की जगह कुछ और तरीके अपनाकर उनका इरिटेट बिहेवियर ठीक कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में....
मारने की जगह करें शांत
कई माता-पिता बच्चों को गुस्से में पिटना शुरु कर देते हैं लेकिन इसके कारण बच्चे चिड़चिड़े स्वभाव के होने लगते हैं। खासकर यदि शुरुआत में ही बच्चों में आपको चिड़चिड़ा स्वभाव नजर आ रहा है तो आप उन्हें शांत करने का कोई मौका ढूंढे। शांत तरीके से उनकी समस्याओं का हल आसानी से मिल जाएगा।

चिड़चिड़े स्वभाव को जानने का करें प्रयास
पहले आप इस बात को जानने की कोशिश करें कि बच्चे आखिर किस वजह से इरिटेट हो रहे हैं। यदि वह किसी परेशानी में फंसे हुए हैं या अपनी सिचुएशन नहीं समझ पा रहे तो आप उनकी मदद करें। सबसे पहले यह जानने का प्रयास करें कि आखिर ऐसी कौन सी बात है जो उन्हें इरिटेट कर रही है।
बच्चे के साथ गुजारें वक्त
कई बार बच्चे न खेलने के कारण, क्लास का स्ट्रेस या फिर किसी दोस्त से झगड़ा होने के कारण वह चिड़चिड़े होने लगते हैं। ऐसे में आप बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारें कौन सी बात उसे परेशान कर रही है इसे जानने की कोशिश करें।

फिजिकल एक्टिविटीज करवाएं
आप कोशिश करें कि बच्चा फिजिकल एक्टिविटीज में भाग ले सके। आप उसे घर में अल-अलग गेम्स खिलवा सकते हैं। शाम में उसे बाहर खेलने के लिए जरुर भेंजे ताकि उसकी एनर्जी खर्च हो। इस तरह से भी आपके बच्चे हर समय खुश रह सकेंगे।
खुद को भी रखें शांत
इसके अलावा आप बच्चे को इरिटेट होने से बचाने के लिए आप खुद को शांत रखें। अगर आप खुद शांत रहेंगे तो ही बच्चे भी शांत रह पाएंगे। बच्चे को सिखाएं कि उसे अपना गुस्सा शांत करना आना चाहिए। कई बार बच्चे खुद इस बात को नहीं समझ पाते कि वह किस तरह खुद के गुस्से पर कंट्रोल रख सकते हैं जिसके कारण वह इरिटेट होने लगते हैं।
