भारतीय महिलाओं के लिए मंगलसू का काफी महत्व है क्योंकि इसे सुहाग की निशानी माना जाता है। मंगलसूत्र में काले मोती में पिरोया होता है और इसे अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। हिंदू रीति-रिवाजों में शादी के वक्त पति पत्नी के गले में मंगलसूत्र पहनाता है, जिसके बाद वह उसके साथ 7 जन्मों के लिए बंध जाती हैं। मगर, क्या आप जानती हैं कि सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि सेहत के लिए लिहाज से भी मंगलसूत्र का गहरा कनैक्शन है। जी हां, काले मोतियों वाला मंगलसूत्र आपको कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है। चलिए आपको बताते हैं कैसे
क्या कहता है विज्ञान?
दरअसल, सोने-चांदी धातु से बना मंगलसूत्र हमेशा महिलाओं के हृदय और वक्ष के पास रहता है। वहीं, इसमें पिरोए काले मोती से निकलने वाली वायु भी शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करती है।
चलिए अब आपको बताते हैं मंगलसूत्र पहनने के फायदे
तनाव से होगा बचाव
हिंदू धर्म में मंगल सूत्र को छिपा कर पहनने की सलाह दी गई है, क्याेंकि यह जितना शरीर को स्पर्श करेगा, उतना ही फायदा देगा। इससे महिलाएं सकारात्मक महसूस करती हैं और तनाव से बची रहती हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाए
मंगलसूत्र या इनके मोतियों से होकर निकलने वाली वायु महिलाओं के इम्यून सिस्टम या रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करती है।
दिल को रखे स्वस्थ
आर्युवेद के अनुसार, सोने के बने मंगलसूत्र के 2 कप दिल को दुरूस्त रखते हैं। साथ ही इससे ब्रेस्ट से जुड़ी समस्याएं भी नहीं होती।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल
शोध के मुताबिक, मंगलसूत्र सिर्फ शादीशुदा होने की निशानी ही नहीं बल्कि इससे ब्लड सर्कुलेशन और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है। बस इसके लिए जरूरी है कि मंगलसूत्र छाती के पास रहे।
भूलकर भी ना करें ये गलतियां
1. सुहागन महिलाओं को हमेशा काले रंग के मोतियों वाला मंगलसूत्र पहनना चाहिए क्योंकि यह धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि में फायदेमंद होता है।
2. काले मोती वाला मंगलसूत्र बुरी नजर से बचाता है लेकिन टूटा हुआ मंगलसूत्र पहनने की गलती ना करें। मान्यता है कि इससे पति की जान भी खतरा रहता है।
3. मंगलसूत्र सुहाग की निशानी माना जाता है इसलिए महिलाएं इसे किसी के साथ भी शेयर ना करें।
4. मंगलसूत्र काला पड़ने लगे तो उसकी पॉलिश करवा लें क्योंकि गंदा व फीके रंग का मंगलसूत्र पति के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।