19 APRFRIDAY2024 4:45:10 AM
Nari

पुरूषों के बिना भी उड़ान संभव! महिलाओं ने रचा इतिहास, सैन फ्रांसिस्को से उड़ान भर की सफल लैंडिंग

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 11 Jan, 2021 11:32 AM
पुरूषों के बिना भी उड़ान संभव! महिलाओं ने रचा इतिहास, सैन फ्रांसिस्को से उड़ान भर की सफल लैंडिंग

कौन कहता है कि आज भी महिलाओं को कोई काम करने के लिए पुरूषों के सहारे की जरूरत है? अगर हमारे देश की महिलाएं दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पोल पर उड़ान भर सकती हैं तो आज महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। हाल ही में भारतीय विमान के इतिहास में पहली बार महिला पायलटों की एक टीम ने दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग उत्तरी ध्रुव (नॉर्थ पोल) पर उड़ान भरने का कीर्तिमान रच दिया है। इस इतिहास को रचने के बाद पूरे देश का सीना चौड़ा हो गया है और आज हर एक नागरिक को महिलाओं पर मान है।

nari kesari

महिलाओं ने संभाली कमान 

बीते दिन अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से उड़ान भरने के बाद 4 महिला पायलटों की टीम नॉर्थ पोल से होते हुए बेंगलुरु के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच गई। आपको बता दें कि एयर इंडिया की 4 महिला पायलटों की एक टीम ने दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पोल पर उड़ान भरी है। उन्होंने तकरीबन 16,000 किलोमीटर की दूरी तय की । बता दें कि  इस विमान को महिला पायलट ने ही चलाया। इसमें शामिल कैप्टन जोया अग्रवाल,  कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे शामिल थीं। विमान को लीड करने वालीं कैप्टन जोया अग्रवाल कर रहीं। 

17 घंटों के बाद पहुंची बेंगलुरु

भारत के लिए और महिलाओं के यह बड़ी बात इसलिए भी है क्योंकि उत्तरी ध्रुव के ऊपर से होते हुए विमान को उड़ाना काफी मुश्किल होता है। इसके लिए जितनी भी विमानन कंपनियां है अनुभवी पायलटों को ही इस रूट पर भेजती हैं। एयर इंडिया की जानकारी के मुताबिक, उड़ान संख्या एआइ-176 शनिवार को सैन फ्रांसिस्को से रात 8.30 बजे (स्थानीय समयानुसार) रवाना हुई। एक महिला पायलट द्वारा बताया गया कि 17 घंटों के बाद यह बेंगलुरु पहुंची। 

ऐसा रहा जांबाज महिलाओं का अनुभव

विमान को लीड करने वाली कैप्टन जोया अग्रवाल ने इस पल को ऐतिहासिक कहा और बताया कि आज हमने न केवल उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरकर, बल्कि सभी महिला पायलटों के साथ उड़ान भरकर भी इतिहास का निर्माण किया। हम इसका हिस्सा बनकर बेहद खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं। इस मार्ग से 10 टन ईंधन की बचत हुई है। वहीं पायलट शिवानी मन्हास ने कहा, ' यह एक रोमांचक अनुभव था क्योंकि यह पहले कभी नहीं किया गया था। यहां तक पहुंचने में लगभग 17 घंटे लग गए।'

आपको बता दें कि कैप्टन जोया अग्रवाल के रिकॉर्ड लिस्ट में उत्तरी ध्रुव पर से उड़ान भरने के बाद एक और उपलब्धि शामिल हो जाएगी। इससे पहले साल 2013 में कैप्टन जोया ने बोइंग-777 विमान उड़ाया था। जिसके बाद वह बोइंग-777 विमान उड़ाने वाली सबसे युवा महिला पायलट बन गई थी।

Related News