25 NOVMONDAY2024 4:31:27 PM
Nari

नारी-शक्ति: 10 साल बाद देश को मिली दूसरी महिला राष्ट्रपति, नई महामहिम ने रच डाला इतिहास

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 22 Jul, 2022 10:47 AM
नारी-शक्ति: 10 साल बाद देश को मिली दूसरी महिला राष्ट्रपति, नई महामहिम ने रच डाला इतिहास

द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को एकतरफा मुकाबले में हराने के साथ ही भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति निर्वाचित होकर इतिहास रच दिया। वह स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी। वह 25 जुलाई को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगी, जिसके साथ ही वह आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति भी बन जाएंगी। 

PunjabKesari
मुर्मू (64) ने देश के 15वें राष्ट्रपति बनने के लिए निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के मतपत्रों की मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक मान्य मत प्राप्त करने के बाद सिन्हा के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की। दस घंटे से अधिक समय तक चली मतगणना प्रक्रिया की समाप्ति के बाद, निर्वाचन अधिकारी पी. सी. मोदी ने मुर्मू को विजेता घोषित किया। प्रतिभा पाटिल के बाद राष्ट्रपति बनने वाली वह दूसरी महिला बन जाएंगी। 

PunjabKesari

मतगणना शुरू होने के तुरंत बाद और उनकी जीत तय होने के बाद उनके पैतृक शहर रायरंगपुर में ‘‘ओडिशा की बेटी’’ को बधाई देने के लिए जश्न शुरू हुआ और लोक कलाकारों और आदिवासी नर्तकों ने सड़कों पर नृत्य किया।  संथाल समुदाय में जन्मीं मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और वह वर्ष 2000 में ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं। बाद में उन्होंने 2015 में झारखंड के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी भी संभाली।

PunjabKesari

वह संथाली और ओडिया भाषाओं में एक उत्कृष्ट वक्ता हैं। उन्होंने क्षेत्र में सड़कों और बंदरगाहों जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। चमक दमक और प्रचार से दूर रहने वाली मुर्मू ब्रह्मकुमारियों की ध्यान तकनीकों की गहन अभ्यासी हैं। उन्होंने गहन अध्यात्म और चिंतन का दामन उस वक्त थामा था, जब उन्होंने 2009 से लेकर 2015 तक की छह वर्षों की अवधि में अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया था।

PunjabKesari

बेहद पिछड़े और दूरदराज के जिले से ताल्लुक रखने वालीं मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव भी  है।
 

Related News