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Rakhi Special: भाईयों को क्यों नहीं बांधी जाती भद्राकाल में राखी?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 02 Aug, 2020 04:53 PM
Rakhi Special: भाईयों को क्यों नहीं बांधी जाती भद्राकाल में राखी?

रक्षाबंधन का पर्व हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा में सेलिब्रेट किया जाता है। लड़कियां शुभ मुहूर्त देखकर अपने भाई की कलाई में राखी बांधती हैं। मगर, शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है लेकिन शायद कोई जानता हो ऐसा क्यों होता है। चलिए आज हम आपको यही बताते हैं कि भद्रा के समय भाईयों को राखी बांधने की मनाही क्यों होती है।

3 अगस्त को भद्राकाल

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सुबह सुबह 7: 00 बजे से 09:29 बजे तक भद्राकाल काल रहेगा और इसके खत्म होने के बाद ही आप भाई को राखी बांध पाएंगे। राखी बांधने का मुहूर्त 09:30 बजे से शुरू हो जाएगा जो 21:11 मिनट तक रहेगा।

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क्यों नहीं बांधी जाती भद्राकाल में राखी?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भद्राकाल में अपनी बहन भद्रा से राखी बंधवाने के कारण ही लंका के राजा रावण का अंत हुआ था। यही वजह है कि जब भद्रा लगती है तब राखी बांधने की मनाही होती है।

भगवान शनि देव और बहन भद्रा की कहानी

मान्यता के अनुसार, भगवान शनि की बहन भद्रा काफी गुस्सैल स्वभाव की थी। उग्र प्रवृति के चलते ही भगवान ब्रह्रााजी ने उन्हें श्राप दिया था कि उनके भद्राकाल में किया कोई भी काम सफल नहीं होगा इसलिए राखी के अलावा कोई भी शुभ काम तभी किया जाता है, जब भद्राकाल ना हो। यही नहीं, राहुकाल में भी किसी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है।

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भद्रा काल में नहीं किया जाता कोई भी शुभ काम

ऐसा भी माना जाता है कि भद्रा के समय भगवान शिव तांडव नृत्य करते हैं इसलिए इस दौरान सिर्फ राखी ही नहीं बल्कि कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता।

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अब तो आप जान ही गए होंगे कि भद्राकाल में राखी बांधने की मनाही क्यों होती है इसलिए 3 अगस्त आप भी भद्रा का ध्यान रखें और उसके खत्म होने के बाद ही भाई को राखी बांधे।

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