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सभी बड़े रॉकेट लॉन्च करने वाले श्रीहरिकोटा पर ISRO को क्यों है इतना भरोसा?

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 02 Sep, 2023 11:25 AM
सभी बड़े रॉकेट लॉन्च करने वाले श्रीहरिकोटा पर ISRO को क्यों है इतना भरोसा?

सूर्य की खोज के लिए भारत के पहले पीएसएलवी-सी57/आदित्य-एल1 मिशन को आज 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा। इससे पहले श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत के तीसरे चंद्रयान मिशन को लॉन्च किया गया था। 1971 से अब तक ज्‍यादातर रॉकेट्स यहीं से लॉन्च हुए हैं ऐसे में सवाल यह उठता है कि  ISRO   श्रीहरिकोटा पर इतना भरोसा क्यों करता है। इस सवाल का जवाब इस आर्टिकल में आपकाे मिल जाएगा। 

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लोकेशन

सबसे पहली वजह मानी जाती है श्रीहरिकोटा की लोकेशन। दरअसल इक्वेटर से इसकी करीबी इसे जियोस्टेशनरी सैटलाइट के लिए उत्तम लॉन्च साइट बनाती है। दक्षिण भारत में बाकी जगह की तुलना में श्रीहरिकोटा इक्वेटर यानी भूमध्‍य रेखा के ज्यादा पास है। पूर्वी तट पर स्थित होने से इसे अतिरिक्त 0.4 km/s की वेलोसिटी मिलती है। ज्यादातर सैटलाइट को पूर्व की तरफ ही लॉन्च किया जाता है.


कम आबादी 

इस जगह में आबादी नहीं है। यहां या तो इसरो के लोग रहते हैं या फिर स्‍थानीय मछुआरे.। इसलिए ये जगह पूर्व दिशा की ओर की जाने वाली लॉन्चिंग के लिए बेहतरीन मानी जाती है। इसके अलावा यहां तक पहुंचने वाले उपकरण बेहद भारी होते हैं, इन्हें दुनिया के कोने-कोने से यहां लाया जाता है। जमीन, हवा और पानी हर तरह से यहां पहुंचना बेहतर है और मिशन की लागत भी कम हो जाती है।

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 रेलवे, हाइवे और पोर्ट सब है आस- पास

श्रीहरिकोटा की स्थापना 1971 में हुई थी। इसमें दो लॉन्च पैड हैं जहां से PSLV और GSLV के रॉकेट लॉन्चिंग ऑपरेशन किए जाते हैं। आंध्रप्रदेश के तट पर बसे इस द्वीप को भारत का प्राइमरी स्पेस पोर्ट भी कहा जाता है यह नेशनल हाइवे (NH-5) पर स्थित है। नजदीक के रेलवे स्टेशन से 20 किलोमीटर और चेन्नई के इंटरनेशनल पोर्ट से 70 किलोमीटर दूर है। 

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समुद्र के कारण नहीं है खतरा 

यहां से रॉकेट लॉन्‍च करने का एक कारण ये भी है कि ये आंध्र प्रदेश से जुड़ा एक द्वीप है, जिसके दोनों ओर समुद्र है। ऐसे में लॉन्चिंग के बाद किसी रॉकेट के अवशेष सीधे समुद्र में गिरते हैं। इसके अलावा अगर मिशन को किसी तरह का खतरा होता है तो उसे समुद्र की ओर मोड़कर जनहानि से बचा जा सकता है। 

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मौसम है परफेक्ट

रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन ऐसी जगह पर होनी चाहिए जो रॉकेट के इंटेंस वाइब्रेशन को झेल सके। श्रीहरिकोटा इस क्राइटेरिया को बखूबी निभाता है। मौसम की दृष्टी से भी श्रीहरिकोटा परफेक्ट है क्योंकि ये जगह साल के दस महीने सूखी रहती है।यही कारण है कि इसरो रॉकेट लॉन्चिंग के लिए इस जगह का चुनाव करता है। 

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