सभी लोगों को दिखने में गोलू-मोलू बच्चे अच्छे लगते हैं। मगर उम्र बढ़ने के साथ बच्चे का वजन जरूरत से अधिक बढ़ने किसी चिंता से कम नहीं होता है। ऐसे में पेरेंट्स को टेंशन होने लगती है। असल में, बच्चे हो या बड़े शरीर का वजन अधिक होने से बीमारियों की चपेट में आने लगते हैं। ऐसे में कम उम्र में ही बच्चे डायबिटीज, दिल से जुड़ी परेशानियां और अस्थमा जैसी कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। बढ़ते हुए वजन का मुख्य कारण गलत जीवनशैली और खानपान होता है। शरीर पर जमा अतिरिक्त चर्बी शारीरिक स्वस्थ के साथ मानसिक स्वस्थ पर भी असर करती है। ऐसे में बच्चों का वजन कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए पेरेंट्स को अपने बच्चों को बचपन में ही सही आदतों को डालने की जरूरत होती है। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देते हैं, जिसे फॉलो कर आपको अपने बच्चे का वजन कम और कंट्रोल में रखने में मदद मिलेगी।
बच्चे को सेहत का ख्याल रखना सिखाए
बच्चों को बचपन में ही उनकी सेहत के प्रति सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करें। कम उम्र के बच्चे ज्यादा कठोर एक्सरसाइज या योगा नहीं कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें आसान से योगासन करना सिखाएं। इसके साथ लंबे समय तक उन्हें टी. वी. देखने न दें बल्कि उन्हें घर से बाहर ले जाकरआउटडोर गेम्स खेलने को कहें। अपने साथ उनको सैर करने को कहें। इससे बच्चों का वजन कंट्रोल में रहेगा।3 से 5 साल के बच्चों को शारीरिक तौर पर पूरे दिन सक्रिय रहना चाहिए। बात अगर 6 से 17 साल के बच्चों की करें तो उन्हें दिन में कम से कम 60 मिनट तक सक्रिय रहना चाहिए।
सही समय पर सोने की डालें आदत
बच्चों को सही आहार मिलने के साथ पर्याप्त नींद मिलना भी बेहद जरूरी होती है। असल में, सही मात्रा में नींद न लेने से भी वजन बढ़ने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर बच्चा एक दिन अच्छे से नींद पूरी नहीं करेंगा तो उसे अपनी डेली डाइट से अधिक भूख लगेगी। ऐसे में उनका वजन बढ़ने का खतरा होता है। इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें कि छोटे बच्चों को बड़ों की तुलना में अधिक नींद की जरूरत होती है। उम्र के बढ़ने के साथ-साथ नींद के घंटों में कमी होने लगती है।
बच्चों के हैल्दी चीजें खाने की डालें आदत
बच्चों को छोटी उम्र में ही अच्छी और हैल्दी चीजों को खाने की आदत डालें। अगर उन्हें बचपन में ही सही भोजन के बारे में पता होगा तो बड़े होने तक वे अच्छी और हैल्दी चीजों का ही सेवन करेंगे। उन्हें फास्ट फूड की जगह फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, दूध, दलिया आदि पौष्टिक गुणों से भरपूर चीजों का सेवन करना सिखाएं। साथ ही बचपन से बच्चे को चीनी कम मात्रा में खाने को दें। इसके अलावा उन्हें ज्यादा ताजे फलों का जूस और पानी पीने की आदत डालें। अगर आपका बच्चा इन सब चीजों को खाने से आना-कानी करें तो उससे जबरदस्ती करने की जगह थोड़ी- थोड़ी मात्रा में उसे इन चीजों को खाने को दें।
बच्चों को खाने में मौजूद पौष्टिक गुणों के बारे में बताएं
बच्चों को खाने की चीजें देने के साथ उन्हें चीजों पाएं जाने वाले गुणों के बारे में बताएं। अगर आप उन्हें गाजर खिला रहें हो तो उन्हें बताएं यह आंखों की रोशनी बढ़ाती है। ऐसे ही नट्स खिलाने के लिए उन गुण बताए कि इसके सेवन से शरीर में ताकत आने के साथ दिमाग तेज होता है। इस तरह बच्चों को सकारात्मक और सही शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें खाने में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में बताएं।
प्रोसेस्ड फूड कम मात्रा में खाने को दें
बच्चों को चिप्स, चॉकलेट, मासलेदारस कैंडी आदि चीजों का सेवन कम करने को देना चाहिए। इन चीजों का अधिक मात्रा में सेवन से वजन बढ़ने के साथ बीमारियों के लगने का खतरा कई गुणा बढ़ता है। ऐसे में जब भी बच्चा इन चीजों को खाने की जिद्द करें तो उन्हें इन चीजों की जगह ताजे फल, सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, दही, दलिया आदि का सेवन करने को दें।