मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो बदलते मौसम में रोगियों को घेरती है। यदि इसके शुरुआती लक्षणों पर गौर न किया जाए तो समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करना है। हर साल इस दिन को मनाने के लिए एक खास थीम रखी जाती है। इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम है मलेरिया से लड़ने के लिए तैयार। आज विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर आपको बताते हैं कि यह बीमारी क्या है और सबको कैसे घेरती है...
कैसे फैलती है ये बीमारी ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो यह बीमारी संक्रमित एनोफिलीज नामक मच्छरों के काटने के कारण होती है। इस मच्छर के काटने की वजह से इंसान के खून में प्लस्मोडियम वीवेक्स वायरस संचारित होता है। इसी वायरस के कारण व्यक्ति मलेरिया जैसे खतरनाक रोग का शिकार होताहै। यदि समय रहते इस बीमारी पर गौर न की जाए तो समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
लक्षण
हैल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बीमारी के लक्षण संक्रमति मच्छर के काटने के 10-15 दिन बाद ही दिखने लगते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को पहले भी मलेरिया हो चुका है उनमें यह लक्षण हल्के भी हो सकते हैं।
. कंपकंपी वाली ठंड लगना
. तेज बुखार
. सिरदर्द
. शरीर में दर्द
. जी मिचलाना
. उल्टी
. पसीना आना
किस तरह की डाइट का करें सेवन?
ज्यादा खाएं प्रोटीन युक्त आहार
यदि आप मलेरिया जैसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो अपनी खान-पान की रुटीन में प्रोटीन ज्यादा मात्रा में लें। मलेरिया के कारण शरीर में मौजूद ऊतकों को नुकसान पहुंचता है जिसके कारण प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार की जरुरत बढ़ जाती है। ऐसे में आप अंडे, नट्स, लीन मीट, मछली और डेयरी प्रोडक्ट्स को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
विटामिन युक्त चीजें खाएं
इसके अलावा आप विटामिन-ए और सी से युक्त आहार को भी अपनी डाइट में जरुर शामिल करें। यह आहार शरीर में विटामिन्स और फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करेंगे और आपके शरीर को इंफेक्शन से भी बचाएंगे। पपीता, आम, अंगूर, मौसंबी, अनानास जैसे फल अपनी डाइट में जरुर शामिल करें।
शरीर को रखें हाइड्रेट
मलेरिया रोगियों को अपने शरीर को भी हाइड्रेट रखना चाहिए। आप नारियल पानी, गन्ने का रस, ताजे फलों का रस, नींबू पानी, सूप जैसी चीजों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा सादा पानी पीने से पहले अच्छे से उबाल लें ताकि इसमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया आसानी से निकल जाएं। ज्यादा मात्रा में पानी पीने से यूरिन के जरिए शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकलते हैं जिससे आपका शरीर एकदम स्वस्थ रहेगा।
कार्बोहाइड्रेट को बनाएं डाइट का हिस्सा
हैल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो मलेरिया का बुखार होने पर शरीर में मेटाबॉलिक रेट बढ़ने लगता है जिसके कारण शरीर को ज्यादा कैलोरी की जरुरत पड़ती है। ऐसे में आप हाई कार्बोहाइड्रेट युक्त डाइट का सेवन कर सकते हैं। चावल को आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। यह आपके शरीर को एनर्जी देने में मदद करेगा।
न खाएं ज्यादा तला हुआ खाना
अलसी के बीज, चिया के बीज, अखरोट, मछली और मछली के तेल से बनी चीजें आप डाइट में शामिल कर सकते हैं। यह शरीर से सूजन कम करने में मदद करेंगे। स्नैक्स या फिर भूनकर आप इनका सेवन कर सकते हैं परंतु ज्यादा ऑयली फूड और तला भुना खाना बिल्कुल भी न खाएं।
जंक फूड से भी बनाएं दूर
साबुत अनाज, बाजरा और हाई फाइबर युक्त आहार से बिल्कुल दूरी बनाएं। मसालेदार, गर्म खाना, अचार, जंक और तैलीय भोजन से भी परहेज करें यह पेट की समस्याएं खड़ी कर सकते हैं जिससे आपके पेट में जलन हो सकती है। इसके अलावा कॉफी और कैफीनयुक्त खाने से भी परहेज ही करें।
इस तरह करें अपना बचाव
मलेरिया जैसी बीमारी से बचने के लिए पहले अपना मच्छरों से बचाव करें। यदि आस-पास ज्यादा मच्छर हैं तो मच्छरादनी लगाकर सोएं।
. घर के दरवाजे और खिड़कियों पर भी जाली लगाकर रखें ताकि मच्छर घर के अंदर ना आ सके।
. घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवाई और मॉस्किटो रिपेलेंट इस्तेमाल करें
. रात को सोते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनकर रखें ताकि आपका शरीर अच्छे से ढका हुआ रहे।
. घर के आस-पास पानी न जमा होने दें। इससे घर में मच्छर आने का खतरा रह सकता है।